Last Modified: नई दिल्ली ,
गुरुवार, 30 अगस्त 2007 (17:42 IST)
सरकार ढाँचागत कोष की अनुमति प्रदान करे
उद्योग एवं वाणिज्य संगठन (एसोचैम) की सलाह है कि म्युचुअल फंडों और संस्थागत निवेशकों (एफआई) को बुनियादी ढ़ाँचा क्षेत्र के लिए विशेष कोष (डीआईएफ) शुरू करने की इजाजत दे देनी चाहिए ताकि इस क्षेत्र के विकास के जरूरी धन जुटाने में मदद मिल सके।
एसोचैम का अनुमान है कि अगले पाँच सालों में बुनियादी ढ़ाँचा क्षेत्र को बेहतर बनाने के लिए 280 से 475 अरब डॉलर की जरूरत होगी। अगर म्युचुअल फंडों और वित्तीय संस्थाओं को डीआईएफ पेश करने की अनुमति मिल जाए तो बुनियादी ढ़ाँचे के विकास के लिए जरूरी भारी-भरकम निवेश के लिए पैसे जुटाने में मदद मिल सकती है।
एसोचैम के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत ने कहा कि वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने 2007-08 के अपने बजट भाषण में घरेलू म्युचुअल फंडों को डीआईएफ पेश करने की अनुमति देने के बारे में संकेत दिया था। इस संबंध में संभावनाओं का पता लगाने के लिए एक समिति का गठन भी हुआ है लेकिन अभी तक इस बारे में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है।
ऐसे में एसोचैम की सलाह है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को वित्त मंत्रालय से विचार-विमर्श करने के बाद इस बारे में दिशा निर्देश जारी करने चाहिए जिससे न केवल म्युचुअल फंड बल्कि संस्थागत निवेशक भी ऐसे कोष पेश कर सकें। इससे फंड कंपनियों की साख को देखते हुए खुदरा निवेशक भी बुनियादी ढ़ाँचा क्षेत्र में निवेश के प्रति आकर्षित हो सकें।