भारतीय झींगा मछली बेचेगी अमेरिकी कंपनी
अमेरिकी कंपनी सिस्को ने भारतीय झींगा मछली (इंडियन ब्लैक टाइगर) का प्रोत्साहन एवं ब्रिकी करने का फैसला किया है। सिस्को की इस पहल से भारत के सीफूड उद्योग को वैश्विक विपणन पहुँच मिल सकेगी।समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकार (एम्पीडा) और फार्च्यून 500 सूची में शामिल सिस्को (अमेरिका) ने सोमवार को विपणन और प्रोत्साहन के संदर्भ में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह सौदा दो करोड़ 30.8 लाख डॉलर का खर्च आयेगा जिसकी साझेदारी दोनों बराबर बराबर करेंगे।समुद्री और बड़े आकार वाले झींगा मछली के उलट इस भारतीय ब्लैक टाइगर झींगा मछली की तालाबों में खेती की जा सकती है जिसका ब्रांड नाम 'एम्पीडा पोर्टिको' झींगा मछली होगा। समुद्री और बड़े आकार वाले झींगा मछली को सी कैट भी बोला जाता है।उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008-09 में 1.90 अरब डॉलर के समुद्री उत्पादों का निर्यात हुआ था जो चालू वित्तवर्ष के पहले पाँच महीनों में करीब आठ प्रतिशत घट गया।एम्पीडा के साथ सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद सिस्को (अमेरिका) के उपाध्यक्ष जेम्स बुच विडराइन ने कहा कि उनके यहाँ लगभग 1,000 करोड़ टन ब्लैक टाइगर झींगा मछली खपाने की क्षमता है। एम्पीडा की अध्यक्ष लीना नायर ने कहा कि सिस्को के साथ विपणन गठजोड़ भारतीय झींगा मछली के लिए अमेरिकी बाजार के दरवाजे को खोलने में मदद करेगा।विभिन्न कारणों से अमेरिका को भारत से झींगा मछली का निर्यात वर्ष 2002-03 के 39.4 करोड़ डॉलर से घटकर वर्ष 2008-09 में 15.2 करोड़ डॉलर का रह गया है। इस गिरावट का मुख्य कारण किसी ब्रांड छवि की कमी है।