Last Modified: इस्लामाबाद (भाषा) ,
गुरुवार, 13 अगस्त 2009 (15:52 IST)
सरकार की मर्जी बिना गिरफ्तार नहीं हो सकते मुशर्रफ
साल 2007 में देश में आपातकाल के दौरान अनेक न्यायाधीशों को ‘अवैध रूप से’ नजरबंद करने को लेकर कानूनी कार्यवाही का सामना कर रहे पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को देश की पुलिस सरकार के प्रत्यक्ष आदेश के बगैर न तो गिरफ्तार कर सकेगी और न ही उनसे पूछताछ कर पाएगी।
‘द डान’ ने पुलिस अधिकारियों के हवाले से प्रकाशित खबर में कहा है कि मुशर्रफ तथा कई अनाम लोगों के खिलाफ आपातकाल के दौरान 60 न्यायाधीशों को नजरबंद करने के आरोप में हाल में प्राथमिकी भले ही दर्ज कराई गई हो लेकिन संवैधानिक और कानूनी प्रतिरक्षा हासिल होने की वजह से उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता।
गौरतलब है कि इस्लामाबाद के पुलिस थाने में मुशर्रफ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। उन पर नवम्बर 2007 में देश में लागू किये गए आपातकाल का विरोध करने वाले न्यायाधीशों को अवैध रूप से नजरबंद करने का आरोप है। यह मामला एक स्थानीय अदालत के आदेश पर दर्ज किया गया था।
मुशर्रफ इस वक्त यूरोप में हैं और शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया था कि स्वदेश वापसी पर उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
पुलिस को बयान लेने और जाँच करने के लिए अवैध नजरबंदी के शिकार हुए न्यायाधीशों से सम्पर्क करने के लिए भी अधिकृत नहीं किया गया है क्योंकि जज वरिष्ठ सरकारी अधिकारी हैं।