सपनों को मीठी नींद सुलाना
मधुर गंजमुरादाबादी जलता हुआ चिराग बुझाना सही है क्या?अब आप ही बताएँ ज़माना सही है क्या?आँसू से जिनकी जान या पहचान तक नहीं,ऐसों को अपना दुखड़ा सुनाना सही है क्या?जागे तो मगर पूरे नहीं आज तक हुए,सपनों को मीठी नींद सुलाना, सही है क्या?फिरते हैं यूँ दीवानगी में चाक गिरेबाँउनकी गली में इस तरह जाना, सही है क्या?साभार : प्रयास