ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर फ्रांसिस शेन ने जर्मनी के फ्रैबर्ग विश्वविद्यालय के सहयोगियों के साथ मिलकर एक शोध किया जिसमें यह पाया गया कि सीधे आई कांटेक्ट करके बात कहना हमेशा सच कहना नहीं होता। सदियों से यह मान्यता है कि सच बोलने वाला हमेशा आँख में आँख डालकर बात करता है लेकिन शोध यह बताता है कि ऐसा करने से सुनने वाला अपनी मान्यता बदल लेता है।
सीधे आँखों में झांकने का अर्थ हमेशा सच बोलना नहीं होता... जानेंगे अगले पेज पर