शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. नवग्रह
  4. मेष लग्न : कुंभ राशि पर साढ़ेसाती- 11
Written By Author पं. अशोक पँवार 'मयंक'

मेष लग्न : कुंभ राशि पर साढ़ेसाती- 11

लगती साढ़ेसाती देगी अर्थिक लाभ

Navgarh | मेष लग्न : कुंभ राशि पर साढ़ेसाती- 11
ND
मेष लग्न या राशि वालों को शनि जब मकर में आता है तब से साढे़साती शुरू हो जाती है। लगती साढ़ेसाती अर्थिक लाभदायक रहती है, पिता से व्यापार में, नौकरी में सफलतादायक रहती है। शनि की तृतीय दृष्टि गुरु की राशि पर पड़ने से मिले-जुले परिणाम मिलते है। बाहरी संबंधों से लाभ भी रहता है। छोटी-मोटी यात्रा होती रहती है। पुराने परिचितों से भी संपर्क होता है।

यदि शनि शुभ स्थिति में हो तो विदेश यात्रा के योग भी बनते हैं। शनि की सप्तम दृष्टि चतुर्थ भाव पर सम होने से माता के स्वास्थ्य में सुधार रहता है, नौकरी में स्थायित्व आता है। शनि क‍ी दशम दृष्टि सप्तम भाव पर होने से अपने जीवन साथी से लाभ रहता है, अविवाहितों के लिए खुशखबर मिलती है।

ND
शनि की मध्य साढ़ेसाती स्वयं के लिए ठीक नहीं रहती। स्वास्थ्य में गड़बड़, किसी काम में मन न लगना, बनते कार्य में रूकावट आना, चिडचिडापन रहता है। लेकिन आर्थिक मामलों में सुधार के साथ लाभ भी रहता है। परेशानियाँ कम महसूस होती है। शनि की सप्तम दृष्टि पंचम भाव पर शत्रु दृष्टि पड़ने से सन्तान से चिन्ता रहती है, विद्यार्थी वर्ग के लिए बाधा का कारण भी बनता है। शनि की दशम दृष्टि अष्टम आयु भाव पर शत्रु दृष्टि पड़ने से दुर्घटना आदि के योग बनते हैं, गुप्त रोग होने की सम्भावना रहती है।

शनि की अन्तिम साढ़ेसाती कुछ परेशानियों के बाद राहत प्रदाता होती है। बाहरी मामलों में सावधानी रखकर चलें, जोखिम के कार्य से बचे। शनि तृतीय दृष्टि, द्वितीय धन, कुटुम्ब भाव पर मित्र दृष्टि पड़ने से कुछ धन की बचत रहती है। वहीं कुटुम्बजनों का सहयोग मिलता है। शनि की सप्तम षष्ट भाव पर मित्र दृष्टि होने से शत्रु प्रभावहीन होते हैं, कर्ज में कमी आती है व मामा का सहयोग भी रहता है। शनि की दशम दृष्टि नवम भाग्य भाव पर गुरु की राशि पर पड़ने से भाग्य में वृद्धि होती है लेकिन शनै-शनै, धर्म-कर्म में कुछ मन लगता है।

यदि किसी को शनि की साढ़ेसाती नुकसानप्रद हो तो वे पीपल के वृक्ष की जड़ में थोडा दूध मिला जल सूर्योदय से पहले चढ़ावे व एक काला कंबल ओढ़ा हुआ किसी वृद्ध को शनिवार को दे दें। इस प्रकार शनि की पीड़ा कम होगी।