अब खुद से नजर मिला सकते हैं माइकल क्लार्क
लंदन। इंग्लैंड पर एशेज सीरीज के दूसरे टेस्ट में मिली 405 रनों की जबर्दस्त जीत से उत्साहित ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा है कि टीम के खिलाड़ियों का इस जीत से आत्मविश्वास लौटा है और वे अब खुद से नजर मिला सकते हैं।
क्लार्क ने कहा 'मुझे नहीं लगता कि इससे बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती थी। पहली पारी में स्टीवन स्मिथ और क्रिस रोजर्स ने जबकि दूसरी पारी में डेविड वॉर्नर ने जबर्दस्त बल्लेबाजी की। हमें पता था कि कार्डिफ में हुए पहले टेस्ट में हमारा प्रदर्शन अच्छा नहीं था इसलिए हमने उसके बारे में ज्यादा बातचीत नहीं की लेकिन अब हम शीशे में खुद का सामना कर सकते हैं।'
क्लार्क ने मिशेल जॉनसन की तारीफ करते हुए कहा 'मुझे लगता है कि जॉनसन जैसे खिलाड़ियों का टीम में होना ही बड़ी उपलब्धि है। वह लंबे और छोटे दोनों तरह के स्पेल कराने की काबिलियत रखते हैं। उन्होंने दोनों ही पारियों में छह बेहद महत्वपूर्ण विकेट झटके तथा टीम की जीत में शानदार योगदान दिया। इसके अलावा मिशेल मार्श ने भी लाजवाब प्रदर्शन से अपने चयन को सही साबित किया।'
क्लार्क ने कहा 'सीरीज में इस वक्त हमें 2-0 की बढ़त हासिल कर लेनी चाहिए थी लेकिन अभी हम जिस मुकाम पर हैं, वह मंजूर है। पहला मुकाबला गंवाने के बावजूद हमने यहां जिस तरह से वापसी की वह सुखद है।'
पहली पारी में 254 रनों की बढ़त हासिल करने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी को दो विकेट पर 254 रन बनाने के बाद घोषित कर दिया और फिर इंग्लैंड को 103 रनों पर समेट यह मैच 405 रनों के विशाल अंतर से जीत लिया। पहला टेस्ट गंवाने के बाद दूसरे में जीत दर्ज कर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने पांच मैचों की प्रतिष्ठित एशेज सीरीज में 1-1 की बराबरी कर ली है।
इस जीत के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम अपने देश में रातोंरात स्टार बन गई है और ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने टीम के खिलाड़ियों की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें सर आंखों पर बैठा लिया है। ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख अखबार 'संडे डेली टेलीग्राफ' ने इस जीत को नरसंहार करार देते हुए लिखा 'कार्डिफ में मिली 169 रनों की हार के बाद लॉर्ड्स में हुए नरसंहार तक, यह एशेज के इतिहास में पलट कर दिया गया सबसे करारा जवाब है।'
वहीं एक अन्य अखबार में स्तंभकार ने इस जीत पर चुटकी लेते हुए लिखा 'कार्डिफ में हुएटेस्ट में ऑस्ट्रेलिया को यह पता तो था कि उसे क्या करना है लेकिन वह कर नहीं सकी। दूसरी तरफ यहां पर इंलैंड को नहीं पता था कि क्या करना है और उन्हें अभी भी नहीं पता कि आगे क्या करना है।' (वार्ता)