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Written By अरविन्द शुक्ला
Last Updated : मंगलवार, 10 फ़रवरी 2015 (21:15 IST)

वाट्‌स एप फ्रेंड ही निकला गौरी का कातिल

Gauri Srivastava massacre
गौरी हत्याकांड का खुलासा
लखनऊ। गौरी श्रीवास्तव की हत्या उसके ही एक वाट्स एप फ्रेंड ने की थी। वह फ्रेंड गौरी के अन्य लड़कों के साथ दोस्ती से खफा हो गया और इसकी जानकारी होते ही वह हैवानियत पर इस कदर उतर आया जिसका गौरी को अंदाजा भी नहीं था।


उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कानून की छात्रा को काटकर हाईवे पर फेंक दिया गया। छात्रा अंबेडकर विश्वविद्यालय में पढ़ती थी। उसका कटा हुआ हाथ शहीद पथ पर बरामद हुआ, जबकि धड़ को बोरी में भरकर पीजीआई थाना क्षेत्र में फेंक दिया गया था। छात्रा अमीनाबाद में रहती थी और एक फरवरी से लापता थीं। राजधानी में हुई इस सनसनीखेज वारदात से राजधानी थर्रा गई थी।

गौरी श्रीवास्तव की हत्या कर उसके आरी से टुकड़े-टुकड़े कर लाश विभिन्न स्थान पर फेंकने जैसे जघन्य अपराध के इस मामले में एसएसपी यशस्वी यादव ने गौरी हत्याकांड की घटना के खुलासे हेतु सर्विलॉन्स सेल, अपराध शाखा थाना पीजीआई और अमीनाबाद को लगाया था। सभी के संयुक्त प्रयास से 8 फरवरी को थाना पीजीआई क्षेत्र से अभियुक्त हिमांशु प्रजापति के घर से वह आरी जिससे गौरी के शरीर के टुकड़े-टुकड़े किए गए थे और गौरी का मोबाईल बरामद कर इस हत्याकांड का खुलासा हुआ। पुलिस ने हिमांशु के एक मित्र अनुजकुमार गौतम निवासी खरिका तेलीबाग को भी गिरफ्तार किया है।

उल्लेखनीय है कि गत्‌ 2 फरवरी को थाना पीजीआई के अंतर्गत एक युवती की हत्या कर उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर अलग-अलग स्थान पर फेंक दिए गए थे। टुकड़ों को एकत्रित किया गया जिसकी शिनाख्त पुलिस द्वारा अमीनाबाद थाना क्षेत्र के निवासी शिशिर श्रीवास्तव की 20 वर्षीया बेटी गौरी श्रीवास्तव के रूप में हुई थी।

गौरी के पिता शिशिर श्रीवास्तव ने 1 फरवरी को अपनी बेटी गौरी की गुमशुदगी की रिपोर्ट अमीनाबाद थाने में दर्ज कराई थी। गौरी की हत्या क्यों और कैसे की गई इसकी जानकारी उसके परिजनों को नहीं थी। यह भी सामने आया है कि वह कई लड़कों से घंटों फोन पर बात करती थी। युवती बीते रविवार दोपहर को अमीनाबाद के गणेशगंज स्थित घर से पिता की जैकेट ड्राई वॉश कराने के लिए घर से निकली थी। काफी देर होने के बाद जब वह वापस नहीं आई तो मां ने फोन किया, लेकिन मोबाईल स्विच ऑफ था।

पिता के मुताबिक, सोमवार सुबह दस बजे उनकी बेटी के मोबाईल से एक युवक की कॉल आई। उसने कहा कि उनकी बेटी पीजीआई में एडम‍िट है। इसके बाद आनन-फानन में घरवाले पीजीआई पहुंचे, लेकिन वहां भी कुछ पता नहीं चला। बाद में थाने से सूचना मिली कि एक लावारिस युवती का शव बरामद हुआ है। शिनाख्त करने पर वह उनकी बेटी का शव निकला।

पुलिस को हिमांशु प्रजापति ने बताया कि व गौरी श्रीवास्तव को लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व से जानता है। वह गौरी का मोबाईल वाट्स एप फ्रेंड था। उसने अपने मोबाईल में गौरी का नम्बर आलोक के नाम से सेवकर रखा था। गौरी ने हिमांशु का नाम रोहित के नाम से अपने मोबाइल में सेवकर रखा था। पिछली 1 फरवरी को हिमांशु ने गौरी को उसके वाट्‌स एप से मैसेज कर लाटूश रोड पर एक होटल के सामने बुलाया था। वहीं से वह गौरी को अपनी मोटर साइकिल न. यूपी 32 सीआर-5638 हीरो होण्डा स्प्लेंडर पर बैठाकर अपने घर तेलीबाग लेकर गया था।

घर पहुंचकर बातचीत करने के बाद हिमांशु ने गौरी के मोबाईल को चेक करने की बात की, पहले तो गौरी ने मना किया किन्तु बाद में मोबाईल का लॉक खोलकर दे दिया। गौरी के मोबाईल पर वाट्‌स एप पर कुछ मैसेज और फोटो देखकर जो अन्य पुरुष मित्रों के थे, हिमांशु आगबबूला हो गया और गुस्से में गौरी का गला दबाने लगा। जिससे वह बेहोश होकर गिर गई। हिमांशु इस घटना से घबरा गया मानसिक रूप से परेशान हो गया।

इसके बाद वह अपने दोस्त अनुज को साथ लेकर वीआईपी रोड स्थित मॉडल शॉप गया जहां उसने दोस्त के साथ शराब पी। इस बीच गौरी के फोन पर तमाम काल आ रही थी जिन्हें गुमराह करने के लिए उसने कहा कि वह इको पार्क में है। उसने घर वालों को यह भी बताया था कि गौरी की तबियत खराब हो गई है वह उसे लेकर पीजीआई जा रहा है।

यह कहने के बाद वह तेलीबाग पहुंचा। जहां चावला आइरन स्टोर्स ट्रेडर्स से उसने 50 रुपए में लकड़ी काटने वाली आरी खरीदी और संजय स्टेशनर्स एवं बुक स्टोर्स से जूट के तीन बैग खरीदे। घर पहुंच कर गौरी के शरीर के टुकड़े टुकड़े किए और उन्हें तीन बोरों में भरा और शहीद पथ पर अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया। हिमांशु ने बताया कि घटना के दिन उसके परिवार के सदस्य घर में नहीं थे वे मुम्बई गए हुए थे।

हिमांशु राजस्थान की एक नेशनल युनिवर्सिटी में प्राइवेट बीकाम द्वितीय वर्ष का छात्र है। वर्तमान में वह महिन्द्रा कोचिंग आलमबाग में एमएससी की तैयारी कर रहा है। उसके पिता कैंट क्षेत्र के एक अस्पताल में सफाईकर्मी है।