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कल्याणकारी जानकी स्तोत्र, देता है अपार धन और ऐश्वर्य
बुधवार,मार्च 3, 2021
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श्री जानकी स्तुति - जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्।
जानकि त्वां नमस्यामि सर्वपापप्रणाशिनीम्।।1।।
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विश्वकर्मा चालीसा- श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं, चरणकमल धरिध्यान। श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान।। जय श्री विश्वकर्म भगवाना। जय विश्वेश्वर कृपा निधाना।। शिल्पाचार्य परम उपकारी। भुवना-पुत्र नाम छविकारी।।
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यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं भगवान विश्वकर्मा को प्रसन्न करने के लिए उनकी 4 आरतियां। यहां पढ़ें...
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ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी। ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरिशंकर रुद्रौ पालन्ती। ॐ जय जगदानन्दी (1)
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सबिंदु सिन्धु सुस्खल तरंग भंग रंजितम, द्विषत्सु पाप जात जात कारि वारि संयुतम, कृतान्त दूत काल भुत भीति हारि वर्मदे, त्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे 1
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सूर्य देव इस जगत की आत्मा है। खास तौर पर सूर्य जयंती के दिन सूर्य देव की उपासना करने का विशेष महत्व माना गया है। अत: सूर्य की आराधना करते समय श्री सूर्य चालीसा का पाठ बहुत ही लाभदायी माना गया है।
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सूर्य देव की आरती- ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान। जगत् के नेत्रस्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा। धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
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वीणावादिनी, मंद-मंद मुस्कुराती, हंस पर विराजमान होकर मां सरस्वती मानव जीवन के अज्ञान को दूर कर ज्ञान के प्रकाश से आलोकित करती हैं। पढ़ें संपूर्ण सरस्वती चालीसा :
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ॐ जय सरस्वती माता, जय जय सरस्वती माता। सद्गुण वैभव शालिनी, त्रिभुवन विख्याता॥ जय..... चंद्रवदनि पद्मासिनी, ध्रुति मंगलकारी।
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हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
जग सिरमौर बनाएं भारत, वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥
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शिव आरती- जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा । ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव...॥
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ग्यारस माता से मिलन कैसे होय कि पांचों खिड़की बंद पड़ी। पहली खिड़की खोलकर देखूं, कूड़ा-कचरा होय।
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यह आरती करने से श्री हरि विष्णु प्रसन्न होकर खुशहाल जीवन का आशीर्वाद देते हैं। यहां पढ़ें ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे...
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एकादशी पर श्री विष्णु पूजन का विशेष महत्व है। यह चालीसा विष्णु जी को प्रिय है। एकादशी पर श्री विष्णु चालीसा का पाठ पढ़ने
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ग्यारस के दिन सिर जो धोवे, वाको कौन विचार/ सुन अुर्जन..., ग्यारस के दिन सिर जो धोवे, रीछड़ी के अवतार/ सुन अुर्जन...
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श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्रम् में भगवान श्री गणेश के 12 नामों का वर्णन किया हैं। इन नामों का पाठ करने से मनुष्य के जीवन सबकुछ मंगल ही मंगल होने लगता है।
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जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥
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जे जे श्री शकुंभारी माता। हर कोई तुमको सिष नवता।। गणपति सदा पास मई रहते। विघन ओर बढ़ा हर लेते।।
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जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता। अपने सेवक जन की सुख सम्पति दाता ।।
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