मां गौरी का प्रिय mangala gauri stotram : ॐ रक्ष-रक्ष जगन्माते...
मां मंगला गौरी स्तोत्र को पढ़ने से महिलाओं का वैवाहिक जीवन सुखमयी हो जाता है। श्रावण मास में मां मंगला गौरी व्रत करते समय इसका पाठ अवश्य करना चाहिए। आइए पढ़ें...
मंगला गौरी स्तोत्र -
ॐ रक्ष-रक्ष जगन्माते देवि मङ्गल चण्डिके।
हारिके विपदार्राशे हर्षमंगल कारिके।।
हर्षमंगल दक्षे च हर्षमंगल दायिके।
शुभेमंगल दक्षे च शुभेमंगल चंडिके।।
मंगले मंगलार्हे च सर्वमंगल मंगले।
सता मंगल दे देवि सर्वेषां मंगलालये।।
पूज्ये मंगलवारे च मंगलाभिष्ट देवते।
पूज्ये मंगल भूपस्य मनुवंशस्य संततम्।।
मंगला धिस्ठात देवि मंगलाञ्च मंगले।
संसार मंगलाधारे पारे च सर्वकर्मणाम्।।
देव्याश्च मंगलंस्तोत्रं यः श्रृणोति समाहितः।
प्रति मंगलवारे च पूज्ये मंगल सुख-प्रदे।।
तन्मंगलं भवेतस्य न भवेन्तद्-मंगलम्।
वर्धते पुत्र-पौत्रश्च मंगलञ्च दिने-दिने।।
मामरक्ष रक्ष-रक्ष ॐ मंगल मंगले।
।।इति मंगलागौरी स्तोत्रं सम्पूर्णं।।