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Written By भाषा

सचिन के महाशतक के इंतजार में चेपॉक

सचिन के महाशतक के इंतजार में चेपॉक -
भारत की पहली टेस्ट जीत, सुनील गावस्कर के रिकॉर्ड 30वें शतक, टेस्ट इतिहास के दूसरे टाई मैच, वीरेंद्र सहवाग की 319 रन की पारी जैसे कई कीर्तिमानों का गवाह रहा चेन्नई का एमए चिदंबरम यानी चेपॉकस्टेडियम क्या सचिन तेंडुलकर के महाशतक के अद्भुत रिकॉर्ड का भी गवाह बनेगा?

तेंडुलकर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक पूरा करने के लिए अब केवल एक सैकड़े की दरकार है और अब जबकि भारत को विश्वकप का अगला मैच 20 मार्च को चेन्नई में खेलना है तब सबकी निगाहें मास्टर ब्लास्टर पर टिकी रहेंगी जिनकी इस स्टेडियम से कई अच्छी यादें जुड़ी हैं। तेंडुलकर ने टेस्ट मैचों के 51 और वनडे के 48 शतक सहित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुल 99 शतक लगाए हैं।

चेपॉक में इससे पहले कई कीर्तिमान बने जो क्रिकेट जगत में अहम स्थान रखते हैं। इसी मैदान पर 1934 में रणजी ट्राफी का पहला मैच खेला गया था। इसी मैदान पर दस फरवरी 1952 को भारत ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली जीत दर्ज की थी। भारत ने इस मैच में इंग्लैंड को पारी और आठ रन से हराया था।

गावस्कर ने रिकॉर्ड 30वाँ शतक दिसंबर 1983 में इसी मैदान पर बनाया था। उन्होंने तब नाबाद 236 रन की पारी खेली थी जो तब भारत की तरफ से टेस्ट मैचों में एक पारी में सर्वाधिक स्कोर भी था। गावस्कर ने तब इस शतक से सर डान ब्रैडमैन के 29 शतकों का रिकॉर्ड तोड़ा था।

यह भी संयोग है कि अब टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत पारी का भारतीय रिकॉर्ड भी इसी मैदान से जुड़ा है। वीरेंद्र सहवाग ने 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेपॉक में 319 रन की धमाकेदार पारी खेली थी।

शेन वॉर्न ने 2004 में चेपक पर ही मुथैया मुरलीधरन के 532 टेस्ट विकेट के तत्कालीन रिकॉर्ड को तोड़ा था। राहुल द्रविड़ ने 2008 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 111 रन की पारी के दौरान इसी मैदान पर अपना 10000 वाँ रन बनाया था।

पाकिस्तान के सईद अनवर ने मई 1997 में चेपक पर 194 रन की पारी खेली थी जो लगभग 13 साल तक वनडे में एक पारी में सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड रहा। इसे पिछले साल तेंडुलकर ने ही वनडे का पहला दोहरा शतक बनाकर तोड़ा था।

जहाँ तक तेंडुलकर का सवाल है तो उनके लिए टेस्ट मैचों में चेपक काफी भाग्यशाली रहा है। उन्होंने इस मैदान पर नौ टेस्ट मैच में 87.60 की औसत से 876 रन बनाए हैं, जिसमें पाँच शतक भी शामिल हैं। उन्होंने चेपॉक में 1993 में जो पहली पारी खेली थी उसमें 165 रन ठोक दिए थे।

इसी मैदान पर उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1998 में नाबाद 155 रन की यादगार पारी खेली थी जबकि दिसंबर 2008 में उन्होंने नाबाद 103 रन बनाए थे जिससे भारत ने इंग्लैंड के 387 रन के लक्ष्य को बखूबी हासिल किया था। यह भारत में सर्वाधिक लक्ष्य हासिल करने का रिकॉर्ड है जबकि तेंडुलकर का यह चौथी पारी में लगाया गया एकमात्र शतक है जो टीम की जीत में काम आया।

तेंडुलकर को हालाँकि चेपॉक पर एकदिवसीय मैचों में पहले शतक का इंतजार है और उम्मीद की जा रही है कि 20 मार्च को जब पूरा देश होली के रंग में डूबा रहेगा तब मास्टर ब्लास्टर यह इंतजार समाप्त करने में सफल रहेंगे। (भाषा)