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Written By वार्ता
Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 10 मार्च 2011 (18:49 IST)

भज्जी का बचाव कर रहे हैं धोनी

भज्जी धोनी विश्वकप वर्ल्ड कप 2011
भारतीय टीम के शीर्ष स्पिनर हरभजन सिंह लंबे अरसे से विकेट हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनका यह संघर्ष विश्वकप में भी जारी है लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी लगातार इस स्पिनर का बचाव करने में लगे हुए हैं।

भारतीय उपमहाद्वीप में चल रहे विश्वकप में हरभजन चार मैचों में 79.50 के बेहद महँगे औसत से सिर्फ दो विकेट ही हासिल कर पाए हैं। हरभजन ने बांग्लादेश के खिलाफ उद्घाटन मैच में 41 रन पर एक विकेट लिया था जबकि इंग्लैंड के खिलाफ अगले मैच में वह 58 रन देकर एक विकेट ही हासिल कर पाए थे। इस मैच में इंग्लैंड ने भारत के 338 के विशाल स्कोर का पीछा करते हुए मैच टाई करा लिया था।

हरभजन आयरलैंड और हॉलैंड जैसी स्पिन को खेलने में कमजोर टीमों के खिलाफ क्रमशः 29 और 31 रन देकर कोई विकेट हासिल नहीं कर पाए। हरभजन की विकेट लेने में नाकामी भारत को भारी पड़ रही है और विरोधी टीमें इस बात का फायदा उठा रही हैं।

अनिल कुंबले के संन्यास के बाद भारत के शीर्ष स्पिनर बन गए हरभजन ने आखिरी बार एक मैच में तीन विकेट पाँच जनवरी 2010 को ढाका में श्रीलंका के खिलाफ लिए थे लेकिन उसके बाद से 14 मैचों में वह सिर्फ 12 विकेट ही हासिल कर पाए हैं।

वनडे क्रिकेट में 221 मैचों में 248 विकेट हासिल कर चुके हरभजन का यह प्रदर्शन कतई उनकी प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं है। पिछले 14 मैचों में हरभजन ने 56 रन पर एक विकेट, 41 पर दो, 32 पर एक, 47 पर दो, 30 पर शून्य, 56 पर एक, 32 पर एक, 23 पर दो, 61 पर शून्य, 33 पर शून्य, 41 पर एक, 58 पर एक, 29 पर शून्य और 31 रन पर शून्य विकेट हासिल किए हैं। (वार्ता)