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Written By वार्ता

क्रिकेट इतिहास का सबसे खुला विश्वकप

भारत विश्वकप कपिल देव वर्ल्ड कप 2011
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पूर्व भारतीय कप्तान कपिलदेव ने मंगलवार को कहा कि यह क्रिकेट इतिहास का सबसे खुला विश्वकप है, जिसमें सह-मेजबान भारत सहित किसी भी एक टीम को खिताब का प्रबल दावेदार नहीं माना जा सकता।

कपिल देश की प्रमुख शैक्षणिक संस्था यूईआई ग्लोबल का ब्रांड एंबेसेडर बनने के बाद संवाददाताओं से कहा कि यह इतिहास का सबसे खुला विश्वकप है, जिसमें आप किसी एक टीम को खिताब का प्रबल दावेदार नहीं मान सकते। आज जैसे हालात हैं उसमें कोई भी टीम किसी भी टीम को हरा सकती है।

उन्होंने कहा दक्षिण अफ्रीका ने इंग्लैंड को हराया और इंग्लैंड की टीम आयरलैंड से हार गई। वो जमाना गया जब किसी एक टीम की बादशाहत होती थी।

वेस्टइंडीज और ऑस्ट्रेलिया ने कभी क्रिकेट की दुनिया पर राज किया था लेकिन आज की तारीख में कोई भी टीम विश्वकप जीत सकती है। कपिल ने टीम इंडिया को खिताब का प्रबल दावेदार मानने से इनकार करते हुए कहा 'कौन कहता है कि भारत खिताब का प्रबल दावेदार है। यह सब मीडिया का किया धरा है। कागज पर भले ही ऐसा दिखता हो लेकिन खिताब तो मैदान पर प्रदर्शन के दम पर जीता जाता है।'

उन्होंने कहा कि गेंदबाजी भारत की कमजोर कड़ी है और टीम का क्षेत्ररक्षण भी कमजोर है। चैंपियन बनने के लिए आपको खेल के हर विभाग में अच्छा प्रदर्शन करना होता है। मुझे लगता है कि टीम इंडिया पिछले दो वर्षों से जैसा प्रदर्शन कर रही है अगर वह वैसा ही प्रदर्शन करे तो टूर्नामेंट में काफी आगे तक जा सकती है।

वर्ष 1983 में विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान कपिल से जब पूछा गया कि क्या वह महेन्द्रसिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम को कोई सलाह देना चाहेंगे? उन्होंने कहा कि हमसे बेहतर कप्तान परिस्थितियों को जानते हैं। इस समय हमारी सलाह को कोई मतलब नहीं है। देशहित और टीम हित में जो सही होगा कप्तान वही करेंगे।

उन्होंने कहा कि भारको टूर्नामेंट में अब तक जीत हासिल करने के लिए संघर्ष करना पड़ा है जो अच्छी बात है। संघर्ष करने से आपके टेंपरामेंट में सुधार आता है। डरते हुए खेलने से जोश बढ़ता है जबकि अति आत्मविश्वास में कभी ऐसी मार पड़ती है कि संभलने का मौका नहीं मिलता।

कपिल ने 1983 की विश्वकप जीत को याद करते हुए कहा 'तब हम नहीं सोचते थे कि हम खिताब जीत सकते हैं लेकिन आधा टूर्नामेंट गुजर जाने के बाद हममें यह आत्मविश्वास जागा कि हम विश्वकप जीत सकते हैं। यह पूछने पर कि उनकी विश्वविजेता टीम और मौजूदा टीम में क्या अंतर है।'

कपिल ने कहा दोनों टीमों की तुलना करना सही नहीं है। मुझे ऐसा करना अच्छा नहीं लगताअगर यह टीम खिताब जीत जाती है तब तुलना की जा सकती है।

अगले विश्वकप में टीमों की संख्या 14 से घटाकर 10 करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का फैसला है। इस बारे में मैं क्या कह सकता हूँ लेकिन इतना जरूर है कि हम सब क्रिकेट को दुनियाभर में फलते-फूलते देखना चाहते हैं। हम चाहते हैं फुटबॉल की तरह दुनिया के 160 देश क्रिकेट खेलें और विश्वकप में 50 टीमें हिस्सा लें।

यूईआई ग्लोबल से जुड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि मुझे देश के नौजवानों को प्रेरित करना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि अनुशासन के बिना जीवन के किसी भी क्षेत्र में आगे नहीं बढ़ा जा सकता फिर चाहे आपमें कितनी भी प्रतिभा क्यों न हो।

कपिल ने कहा कि जिंदगी में हर कदम पर अच्छी शिक्षा और उचित योजना की जरूरत है। आज का युवा बहुत जल्दी खो जाता है इसलिए मैं उनकी सोच को जानना चाहता हूँ और उन्होंने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहता हूँ। (वार्ता)