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महिला दिवस पर कविता : नारी

womens day poem in hindi
International Womens Day

 
- राजश्री कासलीवाल
 
नारी का गुणगान ना आंको भैया
नारी तो बस नारी है।
 
अनंत काल से आज तक
नारी ही रही है
जिसने हर
कठिन समय में भी
कंधे से कंधा मिला
दिया पुरुषों का साथ।
 
फिर भी पुरुषप्रधान
इस देश में ना
मिल सका
नारी को मान...
नारी तो बस नारी है।
 
प्यार और दुलार की मूर्ति नारी
ममता की मूर्ति है न्यारी
बच्चों से लेकर बूढ़ों तक
सभी को संवारती है
यह नारी।
 
कभी सास तो कभी बहू
कभी बेटी तो कभी मां
बनकर हर उम्मीद पर
खरी उतरती है नारी।
 
नारी तो बस नारी है
उसकी महिमा जो
समझ जाएं
वह इस दुनिया से तर जाएं
 
नारी का सम्मान करो
उसे भी उड़ने दो
गगन में अपनी स्वतंत्रता से
और फिर देखो
नारी का असली रूप
 
जो कभी दुर्गा, तो कभी सरस्वती
कभी लक्ष्मीबाई तो कभी काली 
का रूप दिखाकर
जग को न्याय का उचित
रास्ता दिखलाती है नारी
 
नारी तो बस नारी है
नारी तो बस नारी है।