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Written By WD Feature Desk
Last Modified: गुरुवार, 22 अगस्त 2024 (18:01 IST)

देश में बलात्कार की घटनाओं के पीछे पोर्न बड़ी वजह, क्यों सरकार नहीं लगा पा रही पोर्न पर कम्प्लीट बैन

क्या पोर्न पर रोक नहीं है सरकार का सरोकार

Is watching porn illegal
Is watching porn illegal

Is watching porn illegal: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के अपराधी संजय रॉय के बारे में बताया जा रहा है कि वह पोर्नोग्राफी का एडिक्ट था। उसके फोन में इससे जुड़ी कई सारी अजीबोगरबी कंटेंट मिले हैं।

मध्य प्रदेश के रीवा के जावा इलाके से भी एक ऐसी ही घटना सामने आई जहाँ एक 13 साल के नाबालिक लड़के ने पहले अश्लील वीडियो देखा और फिर बगल में सो रही अपनी नाबालिग बहन के साथ बलात्कार किया। इस हरकत को छिपाने के लिए लड़के ने फिर बहन को मौत के घाट उतार दिया।ALSO READ: पोर्न इंडस्‍ट्री, सेक्‍स एजुकेशन और रेप की घटनाएं— आखिर कहां थमेगा ये सिलसिला?

बलात्कार के इन दो मामलों के अलावा ऐसे कई और केस हैं जब अपराधी ने महिला या लड़की के साथ बलात्कार से पहले अश्लील वीडियो देखा और फिर घटना को अंजाम दिया।

क्या है पोर्नग्राफी का एडिक्शन?
पोर्नग्राफी का एडिक्शन एक ऐसी लत है जिसमें पोर्न देखने की खतरनाक लत लग जाती है। 'नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलोजी इंफोर्मेशन' (NCBI) में छपी रिपोर्ट के मुताबिक पोर्न एडिक्शन की दर 3 से 6 फीसद हो सकती है। यह कितनी खतरनाक हो सकती है इसका पता लगाना बेहद मुश्किल है।

पोर्न एडिक्शन के लक्षण
पोर्न देखने की लत खतरनाक रूप से बीमार कर सकती है। इसके लक्षण कुछ ऐसे दिखाई देते हैं।
• पोर्न देखने की तीव्र इच्छा
• जिंदगी के बाकी काम प्रभावित होना।
• दिन का ज्यादा से ज्यादा पोर्न देखने में लगाना।
• अपने वेतन का बहुत बड़ा हिस्सा पोर्न देखने में लगाना।
• एडिक्शन की लत छोड़ने की चाहत होने पर भी न छोड़ पाना।

पोर्न एडिक्शन के कारण
जो लोग पोर्न देखते हैं उन्हें काफी ज्यादा एंग्जायटी और डिप्रेशन होती है। इसलिए वह अपना ज्यादा से ज्यादा वक्त पोर्न देखने पर बिताते हैं। इसलिए वह ज्यादा वक्त यही सब करने में बिताते हैं।
जिनकी अपनी पार्टनर से फिजिकल जरूरत पूरी नहीं होती है वह भी बहुत ज्यादा पोर्न देखते हैं। इसलिए उनकी पार्टनर से भी नहीं बनती है। वह अपने पार्टनर से संतुष्ट नहीं रहते हैं।

पोर्नोग्राफी पर भारत में क्या है कानून :
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वर्ष 2015 में मौखिक रूप से टिप्पणी की थी कि निजी कमरे में पोर्न देखना व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार के अंतर्गत आ सकता है। इसलिए इसे कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया से ही बंद किया जा सकता है।इसलिए जब तक आप अपने निजी स्थान पर पोर्न फिल्में देख रहे हैं, यह पूरी तरह से कानूनी है।

पोर्न देखना अपराध है या नहीं? इस पर केरल हाईकोर्ट ने 13 सितंबर 2023 ने एक फैसला सुनाया। केरल हाईकोर्ट ने एक फैसले में साफ कर दिया कि पोर्न अगर 'अकेले' देख रहे हैं तब तो ये अपराध नहीं है, लेकिन 'दूसरे' को भी दिखा रहे हैं तो फिर ये गैरकानूनी है।

जस्टिस पीवी कुन्हीकृष्णन ने कहा, 'पोर्नोग्राफी सदियों से प्रचलित है। लेकिन आज के नए डिजिटल युग में और ज्यादा सुलभ हो गई है। बच्चों और बड़ों की उंगलियो  पर ये मौजूद है। सवाल ये है कि अगर कोई अपने निजी समय में दूसरों को दिखाए बगैर पोर्न वीडियो देख रहा है तो वो अपराध है या नहीं? अदालत इसे अपराध के दायरे में नहीं ला सकती, क्योंकि ये व्यक्ति की निजी पसंद हो सकती है और इसमें दखल करना उसकी निजता में घुसपैठ करने के बराबर होगा।'
हालांकि, अगर इसे प्राइवेट स्पेस में भी देखा जाये, तो भी चाइल्ड पोर्नोग्राफी, रेप, या महिलाओं के खिलाफ हिंसा से संबंधित चीजों को देखना और इकठ्ठा करना अवैध और गैरकानूनी है।

नए IT नियम :
जानकारी के लिए बता दें, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 2021 में लागू नए नियमों के अनुसार, 'IT नियमों के तहत कंपनियों के लिए उनके द्वारा प्रसारित, संग्रहित या प्रकाशित ऐसी सामग्री तक पहुंच बाधित या अक्षम करना अनिवार्य है, जो ‘किसी व्यक्ति को पूर्ण या आंशिक रूप से निर्वस्त्र दिखाती है या फिर उसे यौन कृत्य या आचरण में लिप्त दर्शाती है। इस तरह के कंटेंट को कंपनियों को ब्लॉक करना अनिवार्य है।'

इन 5 वजहों से पोर्न पर कंप्लीट बैन नामुमकिन
•साइबर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पोर्न साइट्स पर पूरी तरह बैन इसलिए नामुमकिन है, क्योंकि इससे जुड़े सभी सर्वरों को ब्लॉक नहीं किया जा सकता।
•इंटरनेट पर पोर्न कंटेंट देने वाली लाखों वेबसाइट्स हैं। सरकार ने अभी तक सिर्फ 850 साइट्स पर बैन लगाया है। ऐसे में जिसे पोर्न कंटेंट चाहिए, वो गूगल सर्च करके इसे हासिल कर सकता है।
•ब्लॉक साइट्स को प्रॉक्सी सर्वरों के जरिए एक्सेस करना मुमकिन है। ऐसी कई वेबसाइट्स हैं, जो वीपीएन (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) के जरिए इन साइट्स तक एक्सेस देती हैं।
•वेबसाइट्स के कंटेंट को फिल्टर करने की व्यवस्था नहीं है। यानी पोर्न वेबसाइट्स चाहें तो एक मिरर साइट क्रिएट कर या अपने नाम में थोड़ा बहुत फेरबदल करके ये चीजें दे सकती हैं। इसके अलावा, बैन तभी तक अच्छे से लागू रह सकता है, जब यह कीवर्ड बेस्ट हो या कंटेंट पर पूरी तरह नजर रखी जाए। यह प्रोसेस मेंटेन रखना आसान नहीं है।
•वेबसाइट्स ब्लॉक करके पोर्न को नहीं रोका जा सकता। लोग टॉरंट जैसी साइट्स के जरिए इन्हें डाउनलोड कर सकते हैं। इसके अलावा, मार्केट में यह डीवीडी, सीडी के तौर पर भी बिक रही है।
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