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Last Updated : शुक्रवार, 14 अगस्त 2020 (13:52 IST)

Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल Taxpayers Charter डॉक्यूमेंट है फर्जी, जान लें इसकी सच्चाई

Fact Check: सोशल मीडिया पर वायरल Taxpayers Charter डॉक्यूमेंट है फर्जी, जान लें इसकी सच्चाई - Viral document of Taxpayers Charter of India is fake
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरूवार को ईमानदारी से टैक्‍स चुकाने वालों के लिए एक नया प्‍लेटफॉर्म लॉन्‍च कर दिया है। इसका नाम ‘ट्रांसपेरेंट टैक्‍सेशन-ऑनरिंग द ऑनेस्‍ट’ है। इस प्लेटफार्म में फेसलेस स्टेटमेंट, फेसलेस अपील और टैक्सपेयर्स चार्टर की योजना है। इसके बाद सोशल मीडिया पर टैक्सपेयर्स चार्टर का एक डॉक्यूमेंट वायरल हो गया। दावा किया जा रहा है कि यह भारत के टैक्सपेयर्स चार्टर का डॉक्यूमेंट है।

क्या है सच-

भारत सरकार के प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो ने वायरल दावे को फर्जी बताया है। पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्वीट करते हुए बताया कि वायरल डॉक्यूमेंट अन्य किसी देश के टैक्सपेयर चार्टर का है, न कि भारत का।



क्या है टैक्सपेयर चार्टर?

पीएम मोदी ने टैक्सपेयर चार्टर को देश के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है। उन्होंने कहा कि अब टैक्सपेयर को उचित, विनम्र और तर्कसंगत व्यवहार का भरोसा दिया गया है। आयकर विभाग को अब टैक्सपेयर्स की इज्जत का संवेदनशीलता के साथ ध्यान रखना होगा। टैक्सपेयर्स की बातों पर विश्वास करना होगा। विभाग को अगर किसी प्रकार का संदेह है भी तो टैक्सपेयर्स को अपील और समीक्षा का अधिकार भी दिया गया है। बता दें कि इस समय दुनिया के सिर्फ तीन देशों अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में यह सुविधा लागू है।