अपार धन-संपत्ति का मालिक बनना चाहते हैं तो सुधारें उत्तर दिशा का वास्तु, पढ़ें 10 टिप्स
वास्तु शास्त्र के अनुसार चार दिशाओं में से एक दिशा 'उत्तर दिशा (North Direction)' है। उत्तर दिशा 'उ' अक्षर से संबोधित की जाती हैं। उत्तर दिशा से चुम्बकीय तरंगों का घर में प्रवेश होता है और यह चुम्बकीय तरंगें मानव शरीर में बहने वाले रक्त संचार को प्रभावित करती हैं अतः स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उत्तर दिशा का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है। भवन में घर की उत्तर दिशा में भगवान कुबेर का वास होता है।
कहते हैं अगर इस दिशा को वास्तु के अनुरूप रखा जाए तो अपार धन और संपत्ति के मालिक बन सकते हैं। उत्तरमुखी भवन में निवास करने वाले लोग न केवल सेहत के लिहाज से सुखी रहते हैं, धन-वैभव से समृद्ध तथा संपन्न भी रहते हैं।
आइए जानें उत्तर दिशा को लाभदायी बनाने की 10 काम की बातें...
1. घर की शांति के लिए उत्तर दिशा घर के मध्य भाग से नीचा होना चाहिए।
2. घर की उत्तर दिशा में पानी का नल न लगाए इससे धन की हानि हो सकती है।
3. घर की उत्तर दिशा में पूजा स्थान और गेस्ट रूम शुभ होता है।
4. घर के सदस्यों में प्यार बना रहे इसलिए उत्तर दिशा में कोई भी दीवार टूटी हुई या किसी भी दीवार में दरार नहीं होनी चाहिए।
5. घर में सुख शांति के लिए उत्तर दिशा में किचन न बनवाएं।
6. इस दिशा के भवन में आगे की ओर अधिक से अधिक खुली जगह छोड़ना चाहिए।
7. भूमिगत वाटर टैंक उत्तर-पूर्व में बनाएं, इससे भवन में रहने वालों को धन संचय करने में मदद होती है।
8. इस दिशा में टॉयलेट, बाथरूम न बनाएं।
9. उत्तर की ओर ओपन टेरेस रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
10. उत्तर दिशा का कोई कोना कटा हुआ न हो।