मथुरा में भगवान कृष्ण नही पहनेंगे मुस्लिम हाथों से तैयार पोशाक, क्यों शुरू हुआ विरोध
हाथ का हुनर भी अब हिन्दू-मुस्लिम हो गया है। कृष्ण जन्मभूमि से यह आवाज उठी है कि ठाकुरजी और भगवान को पहनाए जाने वाले वस्त्र मुस्लिम कारीगरों द्वारा नहीं बने होने चाहिए। कृष्ण जन्मभूमि मामले के याचिकाकर्ता और हिन्दूवादी नेता दिनेश शर्मा फलाहारी ने एक पत्र लिखकर कहा है कि ब्रज मंदिर में भगवान श्री कृष्ण को पहनाई जाने वाली पोशाक और श्रृंगार हिन्दू कारीगरों के हाथों तैयार तैयार होना चाहिए, विधर्मी द्वारा तैयार पोशाक का बहिष्कार होना चाहिए। दिनेश शर्मा के इस ज्ञापन पर बांकेबिहारी मंदिर न्यास विचार कर रहा है, वहीं मंदिर पुजारी भी इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं।
हिन्दूवादी नेता दिनेश शर्मा ने इस ज्ञापन पर तर्क देते हुए कहा कि मुस्लिम लोग हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करते हुए गाय काटते हैं, इसलिए उनके हाथ से निर्मित श्रृंगार और पोशाक भगवान को अर्पित नहीं होनी चाहिए। इस मुद्दे के सामने आने के बाद मथुरा में खलबली मच गई है। पीढ़ी दर पीढ़ी हजारों मुस्लिम परिवार भगवान कृष्ण के लिए डिजाइनर पोशाक तैयार कर रहे हैं, हस्तनिर्मित पोशाकों पर नग, जड़ीबूटी और कलाबत्तू का काम दूरदराज तक मशहूर है। देश-विदेश के कोने-कोने में कृष्ण को मानने वाले भक्त ऑनलाइन पोशाक और श्रृंगार सीधे मथुरा से मंगवा रहे हैं।
इससे पहले वृंदावन की होली में मुस्लिमों की एंट्री पर बैन लगाने का फरमान सुनाया गया था। अब भगवान की पोशाक शुद्धता और शुचिता का हवाला दिया गया है। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि हमारे पास भगवान के तैयार वस्त्र आते हैं। यह तो दुकानदार को देखना होगा कि यह वस्त्र कहां तैयार होकर बिक्री के लिए आ रहे हैं।