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Written By हिमा अग्रवाल
Last Updated :मेरठ , सोमवार, 25 सितम्बर 2023 (12:23 IST)

मृत मानकर जिस बेटे का कर रहे थे श्राद्ध, वह मेरठ जेल में जीवित निकला!

मृत मानकर जिस बेटे का कर रहे थे श्राद्ध, वह मेरठ जेल में जीवित निकला! - Dead son found alive in Meerut jail
Meerut jail: मेरठ जेल (Meerut jail) में बंद एक कैदी कि कहानी बिलकुल रूपहले पर्दे की पटकथा से मिलती-जुलती है, लेकिन है हकीकत। 25 वर्ष पूर्व झारखंड मांडर (Jharkhand Mandar) का एक युवक आंखों में सुनहरे सपने लेकर घर से फौजी बनने निकला। उसका देश की रक्षा पूरा करने का सपना तो पूरा नहीं हुआ, उल्टे वह जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया। वहीं जेल में बंद युवक का परिवार उसे मृत मानकर उसका अंतिम संस्कार कर चुका था। अब युवक के जीवित होने की सूचना परिवार बेहद गद्गद् है और जल्दी ही जेल में उससे मिलने आएंगे परिजन। 
 
झारखंड के मंडार क्षेत्र का रहने वाला जीतू किस्पोट्टा फौज में भर्ती होने की चाह रखता था। 1996 में जीतू ने फौज की भर्ती परीक्षा दी और वह सूरत पहुंच गया। लेकिन मेडिकल ग्राउंड पर लंबाई कम होने के चलते उसे अनफिट कर दिया गया। परेशान जीतू मांडर के सरगांव वापस न लौटा और काम की तलाश में इधर-उधर घूमते हुए दिल्ली पहुंच गया।
 
देश की राजधानी में 11 साल एक फैक्टरी में मजदूरी करके गुजारे। लेकिन बदकिस्मती का मारा जीतू उत्तरप्रदेश के मेरठ जिले में आ गया। मेरठ में उसने एक गांव के अंदर बागों की पहरेदारी की नौकरी कर ली। बस यहीं से उसके दु:खों की शुरुआत हो गई। एक दिन बागों की रखवाली के दौरान वह गहरी नींद में सो गया, तभी किसी ने बाग में हत्या कर दी। अज्ञात शव मिलने से हड़कंप मच गया और हत्या का आरोप जीतू के सिर पर आ गया।
 
जीतू मेरठ जेल में हत्या की सजा काट रहा है। लंबे अरसे तक जीतू का कोई समाचार परिवार को नहीं मिला तो उन्होंने उसे मृत मानते अंतिम संस्कार कर दिया। हर वर्ष परिवार उसका श्राद्ध करने लगा। जो परिवार उसे मृत मान रहा था, वह अब जिंदा निकला। जीतू के जिंदा होने का समाचार पाकर परिवार बहुत प्रसन्न है। उन्होंने जेल प्रशासन से आग्रह किया है कि जीतू से मिलवा दिया जाए और वे जल्दी ही जीतू से मिलने मेरठ जेल आ रहे हैं।
 
झारखंड की राजधानी रांची स्थित मांडर पुलिस से मेरठ जेल के जेलर ने बात करके सूचना दी कि यहां के सरगांव का रहने वाला जीतू कास्पोट्टा जेल में बंद है। मांडर पुलिस ने जीतू के परिजनों से संपर्क साधा और बताया कि जीतू मेरठ जेल में हत्या के मामले में बंद है तो वे हतप्रभ रह गए और उनकी आंखों से आंसू झलक पड़े, क्योंकि वे जिस बेटे को मृत मानकर उसका श्राद्ध कर रहे थे, वह 25 साल बाद जीवित निकला।
 
मांडर थाना प्रभारी ने जीतू की पहचान के लिए परिवार को उसकी तस्वीर भी दिखाई जिसकी तस्दीक जीतू के रूप में हुई है। जीतू से मिलने उसके पिता एतवा उरांव, भाई बिगला उरांव, भतीजा दशरथ और अन्य लोग जल्दी ही मेरठ जेल आने वाले हैं। ये सभी 25 साल बाद जीतू को देखेंगे, वहीं जीतू भी अपने परिवार से मिलने को आतुर दिखाई दे रहा है।
 
Edited by: Ravindra Gupta
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