राज़ फ़ाश करते हैं : मुनफरीद अशआर
हमारे दिल के सभी राज़ फ़ाश करते हैंझुकी झुकी सी नज़र, होंट कपकपाये हुए - मुम्ताज़ मिर्ज़ा वो बात सारे ज़माने में जिसका ज़िक्र न थावो बात उनको बहुत नाग्वार गुज़री है - फै्रज अहमद फ़ैजजिन्दगी दी है मुझे आग के दरया की तरहपार जाने के लिए मोम की कश्ती दी है- जफ़रगोरखपुरीडुबोकर ख़ून में नुक्तों को अंगारे बनाता हूँफिर अंगारों को पिघलाकर गज़ल पारे बनाता हूँ- मुज़फ्फ़र हनफ़ीहम मुहब्बत में भी तोहीद के काइल हैं फ़राजएक ही शख़्स को महबूब बनाए रखना- अहमद फ़राज़कमाले ज़ब्त को मैं भी तो आज़माऊँगीमैं अपने हाथ से उसकी दुल्हन सजाऊँगी - परवीन शाकिरमेरा दर्द नग़मा बनकर कभी शेर में ढला हैकभी रह गए हैं आँसू मेरी आँख में मचल कर - मुम्ताज़ मिर्ज़ादुनिया चढ़ा रही है मज़ारों पे चादरेंलेकिन खबर है कोई यहाँ बेकफन भी है - मसउदा हयातउनकी याद में बहते आँसू ख़ुश्क अगर हो जाएँगेसात समन्दर अपनी ख़ाली आँखों में भर लाऊँगा- सादिक़