1. मोहब्बत जहाँ तुमको नफ़रत ही नफ़रत नज़र आए उस सर ज़मीन में मेरा दिल अबा देना इक दिन वहाँ से मोहब्बत उगे गी
2.शुरू की तलाश में शुरू की तलाश में चले तो हर शुरू दरमियाँ लगा दरमियाँ से गुज़र के हम शुरू का शुरू ढूंडते रहे हम से क़ब्ल भी हज़ारों सर फिरे शुरू की तलाश में भटक-भटक के रह गए बेकराँ खला में, पानियों में रेग्ज़ार में तुम हो किस क़तार में? हम हैं किस शुमार में?
3. बताओ सुन सकते हो एक सुर में कितने सुर शामिल हैं इस लम्हे ? गिन सकते हो इस लम्हे में कितने लम्हे बोल रहे हैं कह सकते हो बोल में आए लफ़्ज़ के मानी सोत के अंदर हैं या बाहर? कर सकते हो सुर से सुर लम्हे से लम्हा लफ़्ज़ से मानी जुदा बताओ?