सरकार बढ़ा सकती है ब्याज समानीकरण योजना को 5 साल आगे, जानें निर्यातकों को क्या होगा फायदा
निर्यातक भी इस योजना को आगे बढ़ाए जाने की कर रहे मांग
Union Budget 2025: वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) देश से निर्यात (Export) को बढ़ावा देने के लिए आगामी बजट में निर्यात से पहले और बाद के रुपया निर्यात ऋण पर ब्याज समानीकरण (
यह योजना पिछले साल 31 दिसंबर को समाप्त हो गई है। योजना चिन्हित क्षेत्रों के निर्यातकों और सभी एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी दरों पर रुपया निर्यात ऋण का लाभ उठाने में मदद करती है। खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना कर रही है, इससे निर्यातकों को फायदा होता है।
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निर्यातकों को ब्याज समानीकरण योजना के तहत सब्सिडी मिलती है : निर्यातकों को निर्यात से पहले और बाद में रुपया निर्यात ऋण के लिए ब्याज समानीकरण योजना के तहत सब्सिडी मिलती है। अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय योजना के विस्तार के लिए अनुरोध कर सकता है। यह योजना 1 अप्रैल, 2015 को शुरू की गई थी। शुरुआत में यह 31 मार्च, 2020 तक 5 साल के लिए वैध थी। इसके बाद भी इसे जारी रखा गया। पिछले साल सितंबर में सरकार ने इस योजना को 31 दिसंबर, 2024 तक बढ़ा दिया था।
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आईईसी (आयात-निर्यात कोड) 50 लाख करोड़ रुपए सालाना तय : व्यक्तिगत निर्यातकों के लिए लाभ प्रति आईईसी (आयात-निर्यात कोड) 50 लाख करोड़ रुपए सालाना तय किया गया था। यह योजना भारतीय रिजर्व बैंक ने विभिन्न सार्वजनिक और गैर-सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के माध्यम से लागू की थी। इसकी निगरानी विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) और आरबीआई द्वारा परामर्श प्रणाली के माध्यम से किया जाता है।
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योजना को आगे बढ़ाए जाने की मांग : निर्यातक भी इस योजना को आगे बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे उन्हें मौजूदा कठिन समय में मदद मिल रही है। निर्यातकों के शीर्ष संगठन फियो के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि योजना से अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय निर्यातकों की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है। कुमार ने कहा कि चीन में ब्याज दर 2-3 प्रतिशत है और इससे उनके निर्यातकों को काफी मदद मिलती है। सरकार को इस योजना का विस्तार करने पर सकारात्मक रूप से विचार करना चाहिए।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta