उज्जैन के बाद प्रदेश के अन्य स्थानों में भी होंगी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
नई औद्योगिक इकाइयों से 20 हजार से अधिक को मिलेगा रोजगार
उज्जैन के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के बाद प्रदेश में जबलपुर, रीवा और ग्वालियर में भी रीजनल कॉन्क्लेव आयोजित की जाएंगी। कॉन्क्लेव के दौरान ही औद्योगिक इकाईयों के लोकार्पण और भूमि पूजन भी किए जाएंगे। यह घोषणा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन में चल रहे रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में की। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की जीडीपी ग्रोथ अनेक देशों को आश्चर्यचकित कर रही है। दुनिया हमारी तरफ उम्मीद की नजरों से देख रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव में पधारे निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि उद्योग जगत से सभी को अनेक आशाएं है। भारत के करीब 140 करोड़ नागरिक भी राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व अभिनंदन के योग्य है। वे नई तकनीक का उपयोग करने के लिए प्रेरित करते हैं। एक समय भारत अर्थव्यवस्था के मामले में 11वें क्रम पर था जो अब 5वें क्रम पर है। इस क्रम में निरंतर सुधार हो रहा है। राष्ट्र के विकास के लिए "बातें कम काम ज्यादा" के मंत्र का उपयोग करते हुए भारत की प्रगति की यात्रा जारी है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन के रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में अनेक औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधि पधारे हैं। उज्जैन कॉन्क्लेव से करीब 1 लाख करोड़ के व्यवसाय और उद्योग का इतिहास बन रहा है। करीब 250 औद्योगिक परियोजनाओं में भूमि का आवंटन किया गया है। करीब 20 हजार से अधिक लोगों को नई इकाइयों से प्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आज भारत की विश्व में गरिमा बढ़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने जो कार्य किए हैं उनसे भारत का मान बढ़ा है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि अतीत का स्मरण करें तो अनेक सुखद घटनाक्रम देखने को मिलते हैं। सम्राट विक्रमादित्य ने जब संवत व्यवस्था प्रारंभ की तो उन्होंने अपने शासन के संपूर्ण भूभाग में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति का न सिर्फ कर्ज माफ करवाया बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए अतिरिक्त सहायता भी दिलवाई। केवल शक्ति के बल पर शासन व्यवस्था खड़ी नहीं की जा सकती। इसके लिए बड़े मन का बड़ा होना भी आवश्यक है। आज लोक कल्याण के लिए मजबूत संकल्प और जन सहयोग से कार्य करने का समय आ गया है। कॉन्क्लेव के प्रारंभ में अनेक निवेशकों ने मध्यप्रदेश में निवेश संभावनाओं के संबंध में विचार व्यक्त किए। निवेशकों ने किए जाने वाले कार्य की जानकारी भी दी।
283 इकाइयों को भूमि आवंटन-पत्र सौंपे-
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम के दौरान 283 इकाइयों को 508 हेक्टेयर भूमि के लिए आवंटन-पत्र प्रदान किये। इन इकाइयों द्वारा कुल 12 हजार 170 करोड रुपए से अधिक का निवेश कर 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार दिया जा सकेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने औद्योगिक इकाइयों के पदाधिकारियों को प्रतीक स्वरूप भूमि आवंटन-पत्र प्रदान किए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा पीएम कुसुम योजना में भी उद्योगपतियों को स्वीकृति पत्र प्रदान किए गए। यह योजना नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की एक महत्वपूर्ण योजना है।
लोकार्पण और भूमि-पूजन-मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कुल 10 हजार 64 करोड़ रुपए लागत की 61 इकाइयों का सिंगल क्लिक से भूमिपूजन और लोकार्पण किया। ये इकाइयां प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थापित की गई हैं। साथ ही नई इकाइयां भी प्रारंभ हो रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विक्रम उद्योगपुरी जिला उज्जैन में भी नई इकाइयों का लोकार्पण किया।