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Last Updated : शनिवार, 31 जुलाई 2021 (19:07 IST)

मुक्केबाजी में निराशा पंघाल के बाद, क्वार्टरफाइनल में हार कर पूजा हुई बाहर

मुक्केबाजी में निराशा पंघाल के बाद, क्वार्टरफाइनल में हार कर पूजा हुई बाहर - Pooja Rani bows out of Tokyo Olympics
टोक्यो: भारतीय मुक्केबाजी के लिये शनिवार का दिन निराशाजनक रहा जिसमें दुनिया के नंबर एक मुक्केबाज अमित पंघाल (52 किग्रा) के बाद पूजा रानी (75 किग्रा) भी अपनी प्रतिद्वंद्वी से हारकर तोक्यो ओलंपिक से बाहर हो गयीं।भारत की पदक उम्मीद मुक्केबाज पंघाल प्री क्वार्टर फाइनल में सुबह रियो ओलंपिक के रजत पदक विजेता कोलंबिया के युबेरजेन मार्तिनेज से 1 . 4 से हार गये। शीर्ष वरीयता प्राप्त पंघाल का यह पहला ओलंपिक था और उन्हें पहले दौर में बाई मिली थी।
 
शाम के सत्र में पूजा क्वार्टरफाइनल में सर्वसम्मत फैसले में चीन की लि कियान से 0 . 5 से हार गयीं। कियान पूर्व विश्व चैम्पियन और रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता हैं। वह पूरे मुकाबले के दौरान रानी पर हावी रहीं।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले पूजा रानी (75 किग्रा) शुरुआती मुकाबले में अल्जीरिया की इचरक चाएब को 5-0 से हरा कर क्वॉर्टर फाइनल में पहुंची थी। उन्होंने पूरे मुकाबले के दौरान अपने से 10 साल जूनियर प्रतिद्वंद्वी पर दबदबा बनाए रखा था।

शनिवार को दोनों भारतीय मुक्केबाजों के प्रतिद्वंद्वियों ने उन पर दबदबा बनाया और पूरे मुकाबले के दौरान मुक्के जड़ते रहे।
 
रानी ने शुरूआती राउंड में थोड़ा बेहतर किया था लेकिन रिंग में कियान जवाबी हमलों में आक्रामक थीं और उन्होंने भारतीय मुक्केबाज की मुक्के जड़ने की कोशिशों को नाकाम कर दिया। चीन की शीर्ष स्तर की मुक्केबाज ने रानी के कमजोर डिफेंस का फायदा उठाया और अपना दूसरा ओलंपिक पदक पक्का कर लिया।
सुबह पहले ही दौर से कोलंबियाई मुक्केबाज ने पंघाल पर दबाव बना दिया लेकिन पंघाल ने वापसी करके पहले तीन मिनट में 4 . 1 से जीत दर्ज की । इसके बाद मार्तिनेज की रफ्तार का वह सामना नहीं कर सक ।
 
भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफॉर्मेंस निदेशक सैंटियागो निएवा ने कहा ,‘‘ वे एक दूसरे के साथ अभ्यास कर चुके हैं । उनमें से कुछ में अमित ने आज से बेहतर प्रदर्शन किया था लेकिन कुछ में आज की ही तरह हुआ । यह हैरानी वाला नतीजा नहीं है क्योंकि हमने देखा है कि यह मुक्केबाज काफी खतरनाक है ।’’
दूसरे दौर में मार्तिनेज ने पंघाल पर जबर्दस्त प्रहार किया जिसका भारतीय मुक्केबाज जवाब नहीं दे सके । यह सिलसिला आखिरी तीन मिनट में भी जारी रहा और पंघाल सिर्फ बचाव करते रहे।निएवा ने कहा ,‘‘ हमें पता था कि क्या हो सकता है लेकिन हमें उम्मीद थी कि अमित आखिरी दो दौर में बेहतर करेगा ।’’
 
उन्होंने कहा ,‘‘ उसमें हिलने की ताकत नहीं बची थी और वह जवाबी हमले भी नहीं कर पा रहा था । उसके अति रक्षात्मक खेल से भी मार्तिनेज को काफी अंक मिले ।’’उन्होंने कहा ,‘‘ मैने किसी विरोधी के खिलाफ अमित को इतना थका हुआ नहीं देखा ।वह अपनी लय में नहीं था । हमारा सामना काफी क्षमतावान मुक्केबाज से था ।’’
 
एशियाई खेल 2018 में स्वर्ण पदक और विश्व चैम्पियनशिप 2019 में रजत पदक जीतने वाले पंघाल ने एशियाई खेलों में तीन बार पदक जीता है । वहीं मार्तिनेज 2016 रियो ओलंपिक में लाइटफ्लायवेट में रजत पदक विजेता थे।भारत की लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) ने शुक्रवार को सेमीफाइनल में पहुंचकर मुक्केबाजी में पदक पक्का कर लिया था।(भाषा)