नाटिंघम:जसप्रीत बुमराह ने अपनी खोयी लय हासिल की जबकि मोहम्मद शमी ने अपनी गेंदबाजी में पैनापन दिखाया जिससे भारत ने पहले टेस्ट क्रिकेट मैच के पहले दिन बुधवार को यहां इंग्लैंड को पहली पारी में 183 रन पर आउट करके पहला दिन अपने नाम किया।
भारत ने इसके बाद सतर्कता से बल्लेबाजी की और पहले दिन का खेल समाप्त होने तक बिना किसी नुकसान के 21 रन बनाये। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा (40 गेंदों पर नाबाद नौ) और केएल राहुल (39 गेंदों पर नाबाद नौ) ने 13 ओवर तक सहजता से बल्लेबाजी करके टीम को झटका नहीं लगने दिया।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिये उतरा इंग्लैंड एक समय तीन विकेट पर 138 रन बनाकर अच्छी स्थिति में दिख रहा था लेकिन इसके बाद उसने 45 रन के अंदर अपने आखिरी सात विकेट गंवा दिये। उसकी तरफ से कप्तान जो रूट ने 108 गेंदों का सामना करके सर्वाधिक 64 रन बनाये, जिसमें 11 चौके शामिल हैं।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में बेअसर रहे बुमराह ने अपनी लय दिखायी तथा 46 रन देकर चार विकेट लिये। टीम के तीन अन्य तेज गेंदबाजों शमी (28 रन देकर तीन), शार्दुल ठाकुर (41 रन देकर दो) और मोहम्मद सिराज (48 रन देकर एक) ने उनका अच्छा साथ दिया।
रोहित और राहुल ने बेहद सतर्कता बरती और किसी तरह का जोखिम नहीं उठाया। उसकी गेंदबाजी में पैनापन भी नहीं दिखा। दिन के आखिरी ओवर में ओली रोबिन्सन ने राहुल के खिलाफ पगबाधा की विश्वसनीय अपील की। इस पर इंग्लैंड ने रिव्यू भी गंवाया।
इंग्लैंड ने पहले दो सत्र में दो-दो विकेट गंवाये लेकिन तीसरे सत्र में उसकी पारी ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी। सैम करेन ने इस बीच नाबाद 27 रन जोड़े लेकिन अन्य बल्लेबाजों के पास भारतीय गेंदबाजों का कोई जवाब नहीं था।
इंग्लैंड ने लंच तक दो विकेट पर 61 रन बनाये और इस बीच सलामी बल्लेबाज रोरी बर्न्स (शून्य) और जॉक क्राउली (68 गेंदों पर 27) के विकेट गंवाये। दूसरे सत्र डॉम सिब्ले (70 गेंदों पर 18 रन) और जॉनी बेयरस्टॉ (71 गेंदों पर 29) पवेलियन लौटे। रूट और बेयरस्टॉ ने चौथे विकेट के लिये 72 रन की साझेदारी की।
बादल छाये रहने और स्विंग मिलने का भारतीय गेंदबाजों ने पूरा फायदा उठाया। बुमराह ने भारत स्वर्णिम शुरुआत दिलायी। उन्होंने पांचवीं गेंद पर ही बर्न्स को पगबाधा आउट किया। बुमराह ने तीन आउटस्विंगर के बाद लेग स्टंप पर गेंद पिच करायी जो बर्न्स के पैड पर लगी और अपील पर अंपायर की उंगली उठ गयी। बल्लेबाज ने डीआरएस लिया लेकिन इसका कोई लाभ नहीं मिला।
भारत को दूसरा विकेट सिराज ने दिलाया। उनके गेंद क्राउली के बल्ले का हल्का किनारा लेकर विकेटकीपर ऋषभ पंत के दस्तानों में पहुंची लेकिन अंपायर ने अपील ठुकरा दी। पंत की सलाह पर कोहली ने रिव्यू लिया जिसे स्पष्ट हो गया कि गेंद ने बल्ले का किनारा लिया था। भारत ने इस ओवर में पहले एक रिव्यू गंवाया था।
शमी की गेंदबाजी में गजब का पैनापन था। उन्होंने दूसरे सत्र में राहुल के रूप में मिडविकेट पर क्षेत्ररक्षक लगाया और फिर सिब्ले को फ्लिक करने के लिये ललचाया। बल्लेबाज उनके जाल में फंस गये और राहुल ने आसान कैच लपका। सिब्ले के शॉट में नियंत्रण नहीं था।
भारतीयों ने कसी हुई गेंदबाजी की लेकिन रूट ने जब भी रन बनाने का मौका मिला उसे भुनाया। उन्होंने धैर्य दिखाया और ढीली गेंदों का इंतजार किया। उन्होंने इस बीच कुछ दर्शनीय शॉट लगाये और अपना 50वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया।
तीसरे सत्र में कहानी एकदम से बदल गयी। इसकी शुरुआत चाय के विश्राम से ठीक पहले बेयरस्टॉ के विकेट से हुई जिन्हें शमी ने पगबाधा आउट किया। भारत का डीआरएस का फैसला तब सही रहा था। शमी तीसरे सत्र में अपना यह ओवर पूरा करते हुए आखिरी गेंद पर डैन लॉरेन्स (शून्य) को पंत के हाथों कैच कराया।
जोस बटलर ने 18 गेंद तक क्रीज पर टिके रहे लेकिन वह इस बीच शॉट मारने के लिये संघर्ष करते हुए दिखे। ऐसे में बुमराह की कोण लेती गेंद उनके बल्ले को चूमकर पंत के दस्तानों में समा गयी। बटलर ने खाता भी नहीं खोला।
शार्दुल ने रूट को फुललेंथ गेंद पर पगबाधा आउट करके टीम को बड़ी सफलता दिलायी। उन्होंने इसी ओवर में नये बल्लेबाज ओली रॉबिन्सन आउट किया जिन्होंने शमी को कैच का अभ्यास कराया। बुमराह ने स्टुअर्ट ब्रॉड (चार) और जेम्स एंडरसन (एक) को पवेलियन भेजा।
भारत ने अपनी बल्लेबाजी को मजबूती देने के लिये चौथे तेज गेंदबाज के रूप में शार्दुल को अंतिम एकादश में रखा जबकि सिराज की फॉर्म को देखते हुए उन्हें टीम में लिया गया। टीम में रविंद्र जडेजा के रूप में एकमात्र स्पिनर हैं।(भाषा)