तेनालीराम की कहानियां : पाप का प्रायश्चित
तेनालीराम ने जिस कुत्ते की दुम सीधी कर दी थी, वह बेचारा कमजोरी की वजह से एक-दो दिन में मर गया। उसके बाद अचानक तेनालीराम को जोरों का बुखार आ गया।एक पंडित ने घोषणा कर दी कि तेनालीराम को अपने पाप का प्रायश्चित करना पड़ेगा नहीं तो उन्हें इस रोग से छुटकारा नहीं मिल पाएगा।
तेनालीराम ने पंडित से इस पूजा में आने वाले खर्च के बारे में पूछा। पंडितजी ने उन्हें सौ स्वर्ण मुद्राओं का खर्च बताया।'
लेकिन इतनी स्वर्ण मुद्राएं मैं कहां से लाऊंगा?', तेनालीराम ने पंडितजी से पूछा।पंडितजी ने कहा, 'तुम्हारे पास जो घोड़ा है, उसे बेचने से जो रकम मिले वह तुम मुझे दे देना।'