हाउसिंग लोन पर पाएँ आयकर छूट
सेक्शन- 24 बी के तहत टैक्स छूट
यदि लोन 1 अप्रैल 1999 के बाद लिया गया हो एवं निम्न शर्तें पूर्ण होती हों तो अर्जित ब्याज पर 1,50,000 रुपए तक की छूट प्राप्त की जा सकती है।लोन रहवासी मकान बनाने या खरीदने हेतु लिया गया हो।मकान की खरीदी या निर्माण लोन लेने वाले वित्तीय वर्ष की समाप्ति से तीन वर्ष के अंदर कर लिया गया हो। यदि लोन रहवासी मकान बनाने, खरीदने, मरम्मत या नवीनीकरण के लिए 1 अप्रैल 1999 के पूर्व लिया गया हो तो अर्जित ब्याज पर रु. 30,000 तक की छूट प्राप्त की जा सकती है। यदि लोन मकान मरम्मत या नवीनीकरण के लिए 1 अप्रैल 1999 के बाद लिया गया हो तो अर्जित ब्याज पर 30,000 रुपए तक की छूट प्राप्त की जा सकती है।हाउसिंग लोन पर टैक्स छूट का लाभ आयकर अधिनियम की सेक्शन 80-सी एवं सेक्शन 24 (बी) के तहत लिया जा सकता है। आयकर अधिनियम की सेक्शन 80- सी के तहत हाउसिंग लोन के प्रिंसिपल रिपेमेंट पर अधिकतम 1,00,000 रुपए तक की छूट प्राप्त की जा सकती है एवं धारा 24 (बी) के तहत हाउसिंग लोन के अर्जित ब्याज पर अधिकतम 1,50,000 रुपए तक छूट प्राप्त की जा सकती है। धारा 80 (सी) एवं 24 (बी) के तहत टैक्स छूट के लिए कुछ शर्तों का पालन करना अनिवार्य होता है, जो इस प्रकार है-सेक्शन 80-सी के तहत टैक्स छूट- लोन किसलिए लिया जा सकता है- हाउसिंग लोन रहवासी मकान बनाने या खरीदने के लिए लिया जा सकता है। यदि लोनमरम्मत या नवीनीकरण के लिए लिया जाता है तो सेक्शन 80-सी के तहत टैक्स छूट का लाभ नहीं मिल सकता है।छूट की अधिकतम सीमा- 1,00,000 रुपए या वित्तीय वर्ष में चुकाए गए लोन की राशि, दोनों में जो भी कम हो, की अधिकतम छूट प्राप्त की जा सकती है।न्यूनतम कितनी अवधि बाद विक्रय- छूट पात्रता के लिए यह भी आवश्यक है कि रहवासी मकान को 5 वर्ष बाद ही विक्रय किया जाए। यदि मकान 5 वर्षों के पूर्व विक्रय कर दिया जाता है तो सेक्शन 80-सी के तहत पूर्व में लिए गए लाभ को विक्रय किए गए वर्ष की आय मानकर टैक्स अदा करना होगा। स्टॉम्प एवं रजिस्ट्रेशन शुक्ल पर टैक्स छूट- सेक्शन 80-सी के तहत रहवासी मकान की खरीदी पर चुकाए गए स्टॉम्प एवं रजिस्ट्रेशन शुल्क में भी छूट प्राप्त की जा सकती है। उमेश राठी, सर्टिफाइड फाइनेंशियल प्लानर (सीएम)