तालिबान राज का बढ़ा खौफ, अफगानिस्तान में बुर्के की कीमत 10 गुना तक बढ़ी
अफगानिस्तान में तालिबान राज की वापसी का असर सभी वर्गों में दृष्टिगोचर हो रहा है। खबर है कि तालिबान राज की वापसी के बाद अफगानिस्तान में बुर्के की कीमत 10 गुना तक बढ़ गई है। क्योंकि तालिबानी दृष्टिकोण कि 'महिलाओं को आजादी लेकिन इस्लामी कानून के दायरे में करना होगा काम' से महिलाओं में भी दहशत बढ़ गई है।
तालिबान राज स्थापित होने के बाद अफगानिस्तान में तालिबान नेताओें ने कहा कि वे महिलाओं को काम करने की आजादी देंगे और उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी हालांकि उन्हें इस्लामी कायदों को मानना पड़ेगा। इस तरह के ऐलान के बाद अफगानिस्तान में बुरकों की कीमत में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है।
अफगानिस्तान में बहुसंख्यक आबादी को डर है कि 1996 वाले हालात का सामना करना पड़ेगा। यह वो दौर था जब तालिबान सत्ता में था। हालांकि 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले के बाद तस्वीर बदली थी।
तालिबान शासन के तहत अफगानिस्तान में टेलीविजन और गीत-संगीत प्रतिबंधित था, लड़कियों के स्कूल जाने पर पाबंदी थी और महिलाएं घरों के बाहर काम नहीं कर सकती थीं।
लेकिन आज देश में 4 मोबाइल कंपनियां और कई सैटेलाइट टीवी स्टेशन हैं, जहां महिला एंकर काम करती हैं जिनमें से एक ने सोमवार को तालिबान के एक अधिकारी का साक्षात्कार लिया था। स्वयं तालिबान लड़ाकों के हाथों में महंगे मोबाइल फोन देखे गए जिनसे वे सेल्फी लेते नजर आए।
पहले के तालिबान शासन में थे जिसके लड़ाके मुख्यतः ग्रामीण इलाकों से आते हैं। अफगानिस्तान की एक पूरी पीढ़ी आधुनिकता और पश्चिमी विकास के रंग में रंगी हुई है। बहुत से लोगों को डर है कि इतने सालों में जो हासिल किया है, वह तालिबान के वापस आने के बाद कहीं फिर से न खो जाए।
जब 2 महिलाओं ने तालिबानी लड़ाके एजानुल्ला को सड़क पर हैलो कहा तो उसे विश्वास नहीं हुआ। उसने कहा कि उन्होंने कहा कि वे हमसे डरती थीं और सोचती थीं कि हम डरावने हैं। लेकिन मैंने उनसे कहा कि तुम मेरी बहनों की तरह हो और हम तुम्हें स्कूल जाने देंगे शिक्षा लेने देंगे और सुरक्षा देंगे। बस तुम अपने हिजाब का ध्यान रखो।