गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. टी-20 विश्व कप 2021
  3. टी-20 विश्व कप आलेख
  4. Rank Turner UAE pitches may play a spoilsport in Englands world cup campaign
Written By
Last Updated : गुरुवार, 21 अक्टूबर 2021 (13:12 IST)

टी-20 विश्वकप गत उपविजेता इंग्लैंड के लिए इस बार विपक्षी से ज्यादा पिच रहेगी चिंता का कारण

1 बार टी-20 विश्वकप जीत चुका और पिछली बार का उपविजेता इंग्लैंड इस बार भी पेश करेगा जीत का दावा।

टी-20 विश्वकप गत उपविजेता इंग्लैंड के लिए इस बार विपक्षी से ज्यादा पिच रहेगी चिंता का कारण - Rank Turner UAE pitches may play a spoilsport in Englands world cup campaign
दुबई:पांच साल पहले इंग्लैंड टी20 विश्वकप ट्रॉफ़ी पर क़रीब-क़रीब क़ब्ज़ा कर चुका था, लेकिन फिर कार्लोस ब्रैथवेट ने बेन स्टोक्स के ख़िलाफ़ चार गेंदों पर चार छक्के लगाते हुए वेस्टइंडीज़ को विश्व विजेता बना दिया।

स्टोक्स और आर्चर की गैरमौजूदगी के बाद भी इंग्लैंड तगड़ी टीम

इस हार से बदला लेने के मौक़े पर भी इंग्लैंड को गहरा आघात पहुंचा है। टी20 विश्व कप टीम में उनके दो सुपर हीरो मौजूद नहीं हैं - जोफ़्रा आर्चर और बेन स्टोक्स। पिछले साल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मोस्ट वैल्यूबल प्लेयर (एमवीपी) रहे आर्चर कोहनी की चोट की वजह से टीम का हिस्सा नहीं हैं। जबकि स्टोक्स ने मानसिक स्वास्थ्य लाभ लेने के अपने फ़ैसले को अभी भी जारी रखा है। हालांकि उनकी उंगली में लगी चोट में अब सुधार है लेकिन विश्व कप के लिए उन्होंने ख़ुद को उपलब्ध नहीं बताया।

हालांकि इसके बाद भी इंग्लैंड की दावेदारी काफ़ी मज़बूत मानी जा रही है, क्योंकि उनकी बल्लेबाज़ी इस फ़ॉर्मैट के लिए बेहतरीन है। पिछले तीन सालों में क्रिकेट के इस सबसे छोटे फ़ॉर्मैट में उनका वर्चस्व क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। इयोन मोर्गन की इस टीम ने टी20 के लिए ख़ुद को एक अलग तरीक़े से तैयार किया है। उनका आक्रामक रवैया इस फ़ॉर्मैट में उन्हें दूसरों से अलग बनाता है।

हालिया फॉर्म- 11 में से 9 टी-20 सीरीज जीती हैं

पिछली 11 टी20 अंतर्राष्ट्रीय द्विपक्षीय सीरीज़ में इंग्लैंड को नौ बार जीत मिली है, जबकि एक श्रृंखला बराबरी पर समाप्त हुई थी और सिर्फ़ एक बार ही उन्हें हार मिली है। पिछले साल घर में खेलते हुए उन्होंने श्रीलंका और पाकिस्तान के ख़िलाफ़ छह में से पांच मैच जीते थे। हालांकि इसी साल मार्च में भारत के ख़िलाफ़ भारत में हुई टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ में उन्हें 2-3 से हार मिली थी। जिसके बाद उनकी कुछ कमज़ोरियां भी उजागर हुई हैं। हाल ही में पाकिस्तान दौरा रद्द करने का मतलब है कि उनके कई खिलाड़ियों को मैच प्रैक्टिस नहीं मिल पायी है।

इंग्लैंड के पास टी-20 अंतरराष्ट्रीय का नंबर 1 बल्लेबाज

2016 टी20 विश्व कप के फ़ाइनल में खेलने वाली टीम में अब तक कई बदलाव हो चुके हैं। पिछले दो साल से जो रूट और ऐलेक्स हेल्स टी20 दल का हिस्सा नहीं हैं, जबकि जोस बटलर अब फ़िनिशर नहीं बल्कि विस्फोटक सलामी बल्लेबाज़ बन चुके हैं। डेविड मलान टी20 अंतर्राष्ट्रीय के नंबर एक बल्लेबाज़ के तौर पर स्थापित हो चुके हैं जबकि मध्य क्रम में स्टोक्स की जगह लियम लिविंग्स्टन के तौर पर एक फ़िनिशर मिल चुका है।

घरेलू सीरीज़ में लिविंग्स्टन का फ़ॉर्म लाजवाब रहा था। कप्तान मोर्गन का बल्ला कुछ समय से वैसे रंग में नहीं है, जिसके लिए वह जाने जाते हैं। जॉनी बेयरस्टो का भी लगातार बल्लेबाज़ी क्रम बदलता रहा है, जिसका असर उनकी बल्लेबाज़ी पर भी पड़ा है। हालांकि ऑलराउंडर मोईन अली नबर-7 पर खेलते हुए काफ़ी लय में दिखे हैं।

आदिल रशीद इस दल में इकलौते विशेषज्ञ स्पिन गेंदबाज़ हैं, जबकि मोईन अली और लिविंग्स्टन अपनी ऑफ़ स्पिन से उनका साथ देते हुए नज़र आएंगे। तेज़ गेंदबाज़ों की बात करें तो यहां विकल्पों की कमी नहीं है। टीम में क़रीब साढ़े चार साल बाद टिमाल मिल्स की भी वापसी हो रही है, जिन्हें डेथ ओवर्स स्पेशलिस्ट माना जाता है। साथ ही मार्क वुड भी दल में शामिल हैं।

क्रिस जॉर्डन, क्रिस वोक्स और डेविड विली भी मॉर्गन के नेतृत्व वाले इस दल का हिस्सा हैं। लिहाज़ा इंग्लैंड को इस बात पर फ़ैसला लेना होगा कि प्लेइंग-एकादश में कितने तेज़ गेंदबाज़ के साथ जाते हैं और इनमें से किस पर भरोसा किया जाता है।

बटलर का इस्तेमाल फ़िनिशर के तौर पर करना सही होगा या फिर उन्हें सलामी बल्लेबाज़ के ही तौर पर खिलाना फ़ायदेमंद रहेगा, इस चीज़ के ऊपर टीम मैनेजमेंट लगातार मंथन कर रहा है। बतौर ओपनर बटलर 22 पारियों में अब तक दस अर्धशतक लगा चुके हैं, जहां उनकी औसत 51.47 और स्ट्राइक रेट 148.05 का है। इस बात की पूरी संभावना है कि टी20 विश्व कप में भी वह इसी किरदार में नज़र आएंगे, जहां उनके जोड़ीदार जेसन रॉय रहेंगे।

दूसरी ओर मॉर्गन के लिए भी ये प्रतियोगिता उनके करियर के हिसाब से बेहद अहम हो सकती है, यानी आने वाले वक़्त में बटलर उनके उत्तराधिकारी हो सकते हैं।

इंग्लैंड को जिन द्विपक्षीय टी20 अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ में जीत मिली है, वह ज़्यादातर सपाट पिचों पर आई हैं। लेकिन क्या संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की धीमी पिचों पर भी वह इस तरह क़ामयाब होंगे?

इंग्लैंड के वे खिलाड़ी जिन्होंने आईपीएल के दूसरे चरण में हिस्सा लिया था, उनमें से ज़्यादातर यूएई की धीमी पिचों पर परेशान दिखे थे। पिछली 11 सीरीज़ में से जो सिर्फ़ एक हार इंग्लैंड को मिली थी वह भी अहमदाबाद की धीमी पिचों पर हुई सीरीज़ में ही मिली थी। ऐसे में टी20 विश्व कप की पिच इंग्लैंड के आक्रामक बल्लेबाज़ों के लिए किसी इम्तिहान से कम नहीं होगी।(वार्ता)
ये भी पढ़ें
9 साल हो गए इस टूर्नामेंट में विराट का विकेट नहीं चटका सका कोई पाकिस्तानी गेंदबाज!