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Last Updated : गुरुवार, 6 जुलाई 2017 (00:21 IST)

विंबलडन में चोटिल खिलाड़ियों का लगा तांता

विंबलडन में चोटिल खिलाड़ियों का लगा तांता - Wimbledon Tennis Championships, Wimbledon
लंदन। वर्ष के तीसरे ग्रैंड स्लेम विंबलडन टेनिस चैंपियनशिप में पहले राउंड में ही चोटिल खिलाड़ियों का इस कदर तांता लग गया कि रोजर फेडरर और नोवाक जोकोविच जैसे स्टार खिलाड़ियों के मैच देखने पहुंचे प्रशंसकों को जल्द मैच निपटने के कारण निराशा हाथ लगी तो वहीं इससे खिलाड़ियों की फिटनेस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
         
सेंटर कोर्ट पर करीब 15 हजार दर्शक पूर्व नंबर एक और दिग्गज खिलाड़ी स्विटजरलैंड के रोजर फेडरर और सर्बिया के जोकोविच का मैच देखने पहुंचे थे लेकिन उनके विपक्षी खिलाड़ियों मार्टिन क्लिजान और एलेक्सांद्र डोग्लोपोलोव ने मैच के 70 मिनट के भीतर ही पहले राउंड के मैच से हटने का फैसला कर लिया। 
        
दोनों चोटिल खिलाड़ी पहले ही पूरी तरह फिट नहीं होने के बावजूद मैच में उतरे थे, जिसके लिए उनकी काफी आलोचना भी हुई क्योंकि विशेषज्ञों की मानें तो इससे न सिर्फ फिट खिलाड़ियों को मुख्य ड्रॉ में जगह नहीं मिल सकी बल्कि प्रशंसकों को भी बड़े खिलाड़ियों के मैच देखने से वंचित रहना पड़ा।
         
टेनिस दिग्गज और बीबीसी पर कमेंट्री कर रहे जॉन मैकेनरो ने इस बात पर नाराजगी जताते हुए कहा, मुझे लगता है कि टूर्नामेंट में ऐसे खिलाड़ियों के लिए नियम होने चाहिए, जो 100 फीसदी अपना प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। यह किसी के लिए अच्छा नहीं है।
         
उन्होंने कहा, ऐसे बहुत से खिलाड़ी हैं जो फिट हैं और मुख्य ड्रॉ में खेल सकते थे और इस समय सोच रहे होंगे कि वे उनकी जगह खेल सकते थे। इससे पहले सोमवार को विंबलडन के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के निक किर्गियोस ने कूल्हे की चोट के पूरी तरह ठीक नहीं होने के कारण नाम वापस ले लिया था। इसके बाद डेनिस इस्तोमिन और विक्टर ट्रोएकी और फिर क्लिजान तथा डोग्लोपोलोव, जांको टिप्सारेविच तथा क्वींस क्लब के चैंपियन फेलिसियानो लोपेज ने भी अपने-अपने पहले दौर के मुकाबले छोड़ दिए।
          
दिलचस्प बात यह है कि विंबलडन टूर्नामेंट ने इस बार पहले राउंड में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों के लिए भी भुगतान को काफी बढ़ा दिया है और यह भी इसके पीछे बड़ी वजह मानी जा रही है कि कई टेनिस खिलाड़ियों ने पूरी तरह फिट नहीं होने पर भी पहले दौर में हिस्सा लिया। 
        
विंबलडन के पहले राउंड के हारने वाले खिलाड़ियों को भी इस वर्ष से 35 हजार पाउंड की राशि मिलेगी जो रिटायर्ड हर्ट खिलाड़ियों की बढ़ती संख्या की एक वजह हो सकती है। सात बार के विंबलडन चैंपियन फेडरर ने कहा, पहले राउंड में ही काफी पैसा मिल रहा है। कुछ के लिए यह बहुत अधिक है और कुछ के लिए कम है।      
                  
स्विस खिलाड़ी डोल्गोपोलोव के खिलाफ मैच में उतरे जो 6-3, 3-0, 30-30 के स्कोर के बाद विपक्षी खिलाड़ी के हटने से केवल 43 मिनट में ही समाप्त हो गया। फेडरर ने भी चोटिल खिलाड़ियों के इस तरह मैच को बीच में छोड़ने पर नाराजगी जताई और माना कि ग्रैंड स्लैम में एटीपी प्रणाली लागू होनी चाहिए। उन्होंने कहा, एटीपी स्तर पर यदि आप नहीं खेल पाते हैं, तब भी आपको इनामी राशि मिलती है वर्ष में दो बार। शायद इससे चोटिल खिलाड़ियों की संख्या कम हो सकती है।
                  
18 बार के ग्रैंड स्लैम चैंपियन ने कहा, मेरे हिसाब से यदि खिलाड़ी को पता है कि वह मैच ठीक से नहीं खेल पाएगा तो उसे कोर्ट पर उतरना ही नहीं चाहिए। सवाल यह है कि क्या उन्हें पता है कि वे खेल सकते हैं। यदि नहीं तो ऐसे खिलाड़ियों को टेनिस ही छोड़ देना चाहिए।
                
वहीं फेडरर ने रिटायर्ड हर्ट खिलाड़ियों की संख्या को कम करने के लिए बेस्ट ऑफ फाइव सेट के बजाय बेस्ट ऑफ थ्री सेट कराने की बात भी कही, लेकिन उन्होंने मौजूदा स्थिति के लिए दर्शकों को लेकर दुख जताया जिन्हें पूरे मैच देखने को नहीं मिल सके। (वार्ता) 
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