• Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. Other Sports News, Narsingh Yadav, wrestling, controversy
Written By सीमान्त सुवीर

देश के नाम पर कलंक...

देश के नाम पर कलंक... - Other Sports News, Narsingh Yadav, wrestling, controversy
किसी भी खिलाड़ी के लिए दुनिया के सबसे बड़े खेल कुंभ माने जाने वाले ओलंपिक में हिस्सा लेना और पदक जीतना सपना होता है। खेल जीवन की शुरुआत से उसके दिल में अंतिम लक्ष्य ओलंपिक ही माना जाता है, क्योंकि जब पदक जीतने के बाद अपने देश की राष्ट्रीय धुन बजती है तो खिलाड़ी का सीना कई गुना फख्र से फूल जाता है और देशवासियों का मस्तक पूरी दुनिया के सामने ऊंचा हो जाता है। नरसिंह यादव और सुशील कुमार की आपसी लड़ाई में देश के मस्तक पर जो कलंक लगा है, वह शायद ही कभी धुल पाए.... पूरे एपिसोड में जिसने भी नरसिंह के खाने में प्रतिबंधित दवा मिलाई है, उसने तो कत्ल करने की धारा 302 से भी कहीं ज्यादा बड़ा जुर्म किया है और पूरा देश उसे कभी माफ नहीं करेगा...क्योंकि यह एक विश्वास की हत्या है...देश के सम्मान का मर्डर हुआ है...
क्या कोई व्यक्ति इतना नीचे गिर सकता है कि एक ओलंपियन पहलवान के खाने में जान-बूझकर ऐसे प्रतिबंधित दवा मिला दे जिसके कारण वो डोपिंग में पकड़ा जाए... और ओलंपिक से डिसक्वालीफाय कर दिया जाए? किसी ने भी सिर्फ नरसिंह के साथ ये घिनौना मजाक नहीं किया है, बल्कि पूरे देश के साथ एक तरह से ठगी की है, इस मामले में उसका यह अपराध क्रूरतम से क्रूरतम की श्रेणी में रखा जाना चाहिए। 
 
ओलंपिक पदकवीर और महाबली सतपाल के दामाद सुशील कुमार और नरसिंह यादव के बीच ओलंपिक खेलों की 74 किलोग्राम कुश्ती प्रतियोगिता में भाग लेने को लेकर जमकर तनातनी हुई। कुश्ती मैट पर ये दोनों पहलवान भले ही न लड़े हों लेकिन मैट के बाहर जो लड़ाई हुई, उसने अदालत तक को घसीट लिया। सुशील हर हाल में भारत का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे, जबकि नरसिंह ओलंपिक क्वालीफाइंग के जरिए रियो ओलंपिक में उतर रहे थे। 
 
नरसिंह ओलंपिक में न उतर पाए, इसके लिए सुशील कुमार ने वो हर हथकंडा अपनाया, जो उनके बस में था। पूर्व ओलंपियनों से बयान दिलवाए, सतपाल को सामने खड़ा करके दबाव बनाया, अखबारों में अपने पक्ष में हर तरह से लेख लिखवाए लेकिन जब सब दूर से उन्हें निराशा हाथ लगी तो अदालत पहुंच गए लेकिन अदालत ने यह कहकर खुद को अलग कर लिया कि मामला भारतीय ओलंपिक संघ और भारतीय कुश्ती संघ आपस में निपटे। सुशील ने दिल्ली में नरसिंह से बाउट करने का भी चैलेंज दिया, जो स्वीकार नहीं किया गया। 
 
आखिरकार नरसिंह का नाम तय हुआ कि वे ही रियो ओलंपिक की 74 किलोग्राम कुश्ती के मुकाबले में भारत की चुनौती पेश करेंगे। नरसिंह अपनी तैयारियों में व्यस्त थे, क्योंकि अगले महीने ही ब्राजील के रियो शहर में ओलंपिक खेलों का आगाज होने जा रहा है, तभी उनके खिलाफ एक साजिश रची गई और वे इसका शिकार हो गए। 
 
न‍रसिंह यादव और उनके रूम मेट संदीप तुलसी यादव के खाने में प्रतिबंधित दवा मिला दी गई और जब डोप टेस्ट हुआ तो दोनों के ही सैंपल पॉजीटिव आ गए। संदीप तो पहले ही ओलंपिक में नहीं जा रहे हैं लेकिन नरसिंह के डोपिंग में फेल हो जाने का सीधा-सा मतलब ये है कि वहां भारत मैट पर उतरने के पहले ही 74 किलोग्राम वर्ग का मुकाबला हार गया है। यह हार उसे किसी विदेशी पहलवान से नहीं मिली बल्कि किसी भीतरघात लगाकर बैठे व्यक्ति से मिली है, जो नहीं चाहता था कि नरसिंह रियो तक का सफर तय करे... 
 
संभवत: किसी देश में किसी खिलाड़ी को ओलंपिक से वंचित रखने के लिए इस तरह की गंदी हरकत का ये पहला उदाहरण है। अभी तक दो ओलंपिक से पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाने वाले सुशील कुमार पर अंगुलियां उठ रहीं हैं, क्योंकि उन्हीं ने वो हर प्रयास किए थे जिसके कारण नरसिंह के बजाय उन्हें ओलंपिक में उतरने का मौका मिले। यदि वाकई नरसिंह को ओलंपिक से रोकने के लिए सुशील ने यह हरकत की है, तो वह अक्षम्य है। 
 
इस पूरे मामले में देश की इज्जत की जो मिट्‍टीपलीत हुई है, उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकेगी...। वाकई किसी पहलवान को ओलंपिक खेलों से इस तरह वंचित करना उसकी ताउम्र की मेहनत का खून करने जैसा अपराध है, जो माफी के काबिल तो बिलकुल भी नहीं है। 
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस पूरे मामले में दखल दे दिया है, लिहाजा उम्मीद की जानी चाहिए कि जांच अधिकारी जल्दी से जल्द उस गद्दार को ढूंढ निकालेंगे जिसने पूरे देश के साथ बहुत बेहूदा मजाक किया है जिसके कारण पूरे देश के माथे पर कलंक का काला दाग लग गया...
ये भी पढ़ें
ओलंपिक में कोई मैच आसान नहीं होगा : श्रीजेश