मुकेश को दो साल के लिए मिला एशियन टूर कार्ड
नई दिल्ली। 51 वर्ष की उम्र में छठे पैनासोनिक ओपन टूर्नामेंट के रूप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले महू के मुकेश कुमार को अगले दो साल के लिए एशियन टूर कार्ड मिल गया है।
दिल्ली गोल्फ क्लब में मिली एशियन टूर की अपनी पहली खिताबी जीत से मुकेश को अगले दो वर्ष के लिए एशियन टूर कार्ड मिल गया है और वह साथ ही 2017 में जापान में पैनासोनिक ओपन में आमंत्रित खिलाड़ी के रूप में उतरेंगे।
51 साल की उम्र में यह खिताब जीतकर मुकेश एशियन टूर में कोई खिताब जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गए हैं। इसके साथ ही मुकेश कोई अंतरराष्ट्रीय खिताब जीतने वाले 22वें भारतीय बन गए हैं। इसके अलावा मौजूदा एशियन टूर सत्र में भारत के लिए उन्होंने पांचवां खिताब जीता। इस सत्र में गगनजीत भुल्लर और एसएसपी चौरसिया दो-दो खिताब जीत चुके हैं।
मुकेश की इस खिताबी जीत को जीव मिल्खा सिंह, ज्योति रंधावा और एसएसपी चौरसिया जैसे दिग्गज भारतीय खिलाड़ियों ने सराहा है। जीव ने ट्वीट कर कहा मुकेश की यह कामयाबी उनके खेल के प्रति समर्पण की दास्तां है। मुकेश एक ऐसा उदाहरण है, जिनका हम अनुसरण कर सकते हैं। वह खेल के प्रति पूरी तरह समर्पित हैं और इसका उदाहरण है कि उन्होंने 51 वर्ष की उम्र में खिताब जीता।
एशियन टूर में पांच बार खिताब जीत चुके एसएसपी चौरसिया ने कहा कि वह युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। उन्होंने कहा एक शानदार विजेता जिनसे हम बहुत कुछ सीख सकते हैं। वह सही मायनों में हम सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं।
देश के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक और टूर्नामेंट में संयुक्त दूसरे स्थान पर रहे ज्योति रंधावा ने मुकेश की तारीफ करते हुए कहा, मैं उनके लिए बहुत खुश हूं। उन्होंने अपने पहले एशियन टूर खिताब के लिए शानदार प्रदर्शन किया। कई वर्षों तक घरेलू टूर में खेलने के बाद अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय जीत हासिल करना निश्चित रूप से एक बड़ी उपलब्धि है।
मुकेश ने अगले दो वर्षों के लिए एशिन टूर कार्ड हासिल कर लिया है लेकिन इस सप्ताह वह सत्र के आखिरी हांगकांग ओपन टूर्नामेंट में नहीं उतर पाएंगे। मुकेश ने कहा, मैं अगले वर्ष एशियन टूर में खेलूंगा क्योंकि मैंने एशियन टूर का कार्ड हासिल कर लिया है, लेकिन मैं अपने पास के नवीकरण के चलते हांगकांग ओपन में नहीं खेल पाऊंगा।
अपनी खिताबी जीत के लिए मुकेश ने कहा, मुझे खुद पर बहुत गर्व है। मैंने प्रोफेशनल बनने के बाद से अपने पहले अंतरराष्ट्रीय खिताब के लिए 32 साल का लंबा इतजार किया। यह मेरी पहली अंतरराष्ट्रीय जीत है और घरेलू सर्किट में 123 खिताबों से अलग है। मैं इसे अपने लिए शानदार उपलब्धि मानता हूं। (वार्ता)