1 करोड़ रुपए के साथ मिलती थी इतनी सुविधाएं, अब सैलरी बढ़ाने की मांग पर नीरज के कोच का करार खत्म
नई दिल्ली:पूर्व विश्व रिकॉर्ड धारक और राष्ट्रीय भाला फेंक कोच उवे होन का अनुबंध तोक्यो ओलंपिक के साथ खत्म हो गया है और अब वह वापस लौटेंगे क्योंकि अनुबंध बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है।
जर्मनी के 59 साल के होन को नवंबर 2017 में एक साल के लिए मुख्य कोच नियुक्त किया गया था और उन्हें ओलंपिक चैंपियन भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा, तोक्यो ओलंपियन शिवपाल सिंह और अनु रानी को ट्रेनिंग देनी थी।
इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने पीटीआई को नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, वह (होन) जा रहे हैं। साइ (भारतीय खेल प्राधिकरण) के उनका अनुबंध बढ़ाने की संभावना नहीं है।पता चला है कि होन ने अपने वेतन में 50 प्रतिशत इजाफे और इसे करमुक्त करने के अलावा विमान के प्रथम श्रेणी के टिकटों की मांग की थी।
1 करोड़ 9 लाख थी फीस और मिलती थी इतनी सुविधाएं
वर्ष 1984 में होन ने 104.80 मीटर भाला फेंका था जिसके बाद 1986 में भाले के डिजाइन में बदलाव किया गया और विश्व रिकॉर्ड दोबारा शुरू किए गए। होन का शुरुआती अनुबंध प्रतिवर्ष एक करोड़ नौ लाख रुपये का था। इसके अलावा रहना, खाना, मेडिकल सुविधा और छुट्टियों में यात्रा की सुविधा भी दी जानी थी। अक्तूबर 2020 में अनुबंध पर दोबारा हस्ताक्षर के समय वह चाहते थे कि इसे बढ़ाकर प्रतिवर्ष एक करोड़ 64 लाख रुपये किया जाए।
साइ के सूत्रों ने कहा, साइ ने 2020 में उन्हें सूचित कर दिया था कि उनकी मांग व्यावहारिक और अस्वीकार्य है क्योंकि वे जिन खिलाड़ियों को ट्रेनिंग दे रहे थे उनके प्रदर्शन को देखते हुए 55 लाख रुपये का इजाफा सही नहीं है।
साइ ने साथ ही कहा था कि उसने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की सिफारिश में मोटी रकम खर्च करके एक अन्य विदेशी भाला फेंक कोच बायो-मैकेनिक विशेषज्ञ डॉ. क्लॉस बार्टोनीट्ज को भी नियुक्त किया है।
होन अपनी नियुक्ति के बाद से 2018 एशियाई खेलों तक लगभग एक साल के लिए चोपड़ा के कोच रहे।एएफआई ने स्पष्ट कर दिया था कि होन को छोड़कर क्लॉस के साथ ट्रेनिंग करना चोपड़ा का फैसला था।
नीरज भी नहीं थे कोच से खुश
चोपड़ा ने भी कहा था कि वह होन का सम्मान करते हैं लेकिन जर्मनी के इस कोच की ट्रेनिंग प्रणाली और तकनीकी रवैया उन्हें पसंद नहीं था।सूत्रों ने कहा कि अक्तूबर 2020 में होने ने मौजूदा शर्तों पर ही अपना अनुबंध बढ़ाने का फैसला किया और वह शिवपाल को ट्रेनिंग दे रहे थे जो ओलंपिक में 76.40 मीटर का उम्मीद से खराब प्रदर्शन करते हुए फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहे।
तोक्यो ओलंपिक में फ्लॉप रही रानी ने भी होन के साथ ट्रेनिंग से इनकार कर दिया था।ओलंपिक से एक महीने पहले राष्ट्रीय शिविर में सुविधाओं की कमी को लेकर होन की आलोचना भी एएफआई और साइ को पसंद नहीं आई।(भाषा)