पुणे। सभी की निगाहें अनुभवी टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस पर लगी होंगी, जो भारत के खिलाफ कमजोर न्यूजीलैंड के खिलाफ शुक्रवार से यहां शुरू होने वाले एशिया-ओसनिया ग्रुप डेविस कप मुकाबले में शायद अंतिम बार खेलेंगे और ऐतिहासिक विश्व रिकॉर्ड बनाने की ओर बढ़ रहे हैं।
18 बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन पेस अपने 55वें डेविस कप मुकाबले में शिरकत करने के लिए तैयार हैं और युगल स्पर्धा में 42 युगल जीत दर्ज कर अभी इटली के निकोला पिएट्रांगेली के साथ बराबरी पर हैं। शनिवार को जीत उन्हें डेविस कप इतिहस का सबसे सफल युगल खिलाड़ी बना देगी।
पेस को हालांकि अंतिम समय में शामिल किए गए और उनके लंदन ओलंपिक युगल जोड़ीदार विष्णु वर्धन के साथ खेलना होगा, क्योंकि उनके साथ खेलने वाले साकेत मायनेनी पिछले महीने चेन्नई ओपन के दौरान लगी पैर की चोट से उबरने में असफल रहे।
अपने अंतिम मुकाबले में टीम की अगुवाई कर रहे आनंद अमृतराज ने पुणे में 43 साल बाद होने वाले मुकाबले के ड्रॉ के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मायनेनी की चोट अभी तक ठीक नहीं है। पेस और राष्ट्रीय हार्डकोर्ट चैंपियन वर्धन का सामना मुकाबले के दूसरे दिन न्यूजीलैंड के आर्टेम सिटाक और माइकल वीनस की जोड़ी से होगा।
3 लोगों में भारत के शीर्ष युगल खिलाड़ी रोहन बोपन्ना से बात करने के बाद वर्धन को शामिल किया गया, टीम के कप्तान अमृतराज ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 3 लोगों ने उससे बात की, मैंने नहीं की। मैं नहीं जानता कि सही में क्या हुआ?
पेस ने इस बारे में कहा कि वे बुधवार को बोपन्ना से बात करना चाहते थे लेकिन उन्हें ऐसा करने से रोक दिया गया। रियो ओलंपिक में बोपन्ना और पेस ने जोड़ी बनाई थी लेकिन पहले दौर में ही बाहर हो गए थे। पेस ने कहा कि मैंने ही रोहन को फोन करने का सुझाव दिया था लेकिन मुझे कहा गया कि मैं फोन नहीं करूं। उन्होंने हालांकि यह बताने से इंकार कर दिया कि किसने उन्हें ऐसा करने से रोका?
युकी भांबरी (368 रैंकिंग) न्यूजीलैंड के नंबर 1 खिलाड़ी फिन टीयर्ने (414 रैंकिंग) के खिलाफ भारत के अभियान की शुरुआत करेंगे जबकि रामकुमार रामनाथन (206 रैंकिंग) की भिड़ंत दूसरे एकल में जोस स्टाथम (417 रैंकिंग) से होगी।
ऊंची रैंकिंग और घरेलू कोर्ट में खेलने के फायदे से कागज पर भारत का पलड़ा स्पष्ट रूप से न्यूजीलैंड पर भारी लगता है जिनके खिलाफ उनका जीत-हार का रिकॉर्ड 5-3 का है जिसमें से सारी शिकस्त 1970 के दशक में मिली है। भारत 1978 से न्यूजीलैंड से नहीं हारा है, जब ओनी पारून की अगुवाई वाली न्यूजीलैंड ने नई दिल्ली में पूर्वी क्षेत्र के सेमीफाइनल में 4-1 से उन्हें हराया था।
लेकिन टीम न्यूजीलैंड को हल्के में लेने की गलती नहीं कर सकती, क्योंकि जुलाई 2015 में क्राइस्टचर्च में हुए एशिया-ओसनिया ग्रुप 1 के सेमीफाइनल में उनकी टीम कठिन साबित हुई थी और टीम के कप्तान अमृतराज ने भी यह बात स्वीकार की थी।
अमृतराज ने याद करते हुए कहा कि उनकी युगल टीम मजबूत है लेकिन हम उनके एकल खिलाड़ियों को हल्के में नहीं ले सकते। जब हम पिछली बार उनसे भिड़े थे तो 1-2 से पिछड़ गए थे लेकिन हमने वापसी करते हुए जीत दर्ज की थी।
पेस इस मुकाबले में नहीं खेले थे और इससे पहले भारत के 2012 में चंडीगढ़ में न्यूजीलैंड पर 5-0 की क्लीन स्वीप में भी वे भाग नहीं ले पाए थे लेकिन न्यूजीलैंड पर 2004, 2003 और 2002 में पिछली 3 जीत में उन्होंने अहम भूमिका अदा की थी जिसमें वे एकल और युगल में (महेश भूपति) के साथ खेले थे।
अमृतराज इस बात से खुश थे कि भांबरी भारत के लिए कोर्ट पर उतरने वाले पहले खिलाड़ी होंगे। उन्होंने कहा कि मैं युकी को पहले खिलाने से खुश हूं, फिर रामकुमार खेलेंगे। पेस ने खुद के बारे में कहा कि मैं हमेशा भारतीय तिरंगे के लिए खेलने को तैयार रहता हूं बल्कि हम सभी ऐसा करना पसंद करते हैं। हम बतौर टीम खेलते हैं। मैच दोपहर और दूधिया रोशनी में खेले जाएंगे।
इस मुकाबले का विजेता उज्बेकिस्तान और कोरिया के बीच 7 से 9 अप्रैल तक होने वाले दूसरे दौर के मुकाबले से भिड़ेगा। (भाषा)