• Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. अन्य खेल
  3. समाचार
  4. Leander Paes, Davis Cup, Mahesh Bhupathi
Written By
Last Modified: सोमवार, 10 अप्रैल 2017 (23:53 IST)

मुझे कभी नहीं कहा गया कि मैं नहीं खेलूंगा : लिएंडर पेस

मुझे कभी नहीं कहा गया कि मैं नहीं खेलूंगा : लिएंडर पेस - Leander Paes, Davis Cup, Mahesh Bhupathi
नई दिल्ली। देश के सबसे अनुभवी टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस और डेविस कप टीम के गैर खिलाड़ी कप्तान महेश भूपति के बीच उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है और पेस ने इस मामले में कहा है कि उन्हें यह कभी नहीं कहा गया था कि वे उज्बेकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में नहीं खेलेंगे।
 
पेस ने इस विवाद में एक बयान जारी कर कहा कि मुझे कभी नहीं कहा गया था कि मैं नहीं खेलूंगा, लेकिन ऐसा लगता है कि मेरे बेंगलुरु पहुंचने से पहले ही टीम का फैसला कर लिया गया था। यह अनावश्यक और अपमानजनक है।
 
43 वर्षीय पेस को उज्बेकिस्तान के खिलाफ डेविस कप एशिया ओसनिया जोन ग्रुप एक के दूसरे दौर के मुकाबले में कप्तान भूपति ने टीम में शामिल नहीं किया था, जिसे लेकर विवाद उठा और इस विवाद को पेस तथा भूपति के बीच पुराने मतभेदों से जोड़कर देखा जा रहा है। इस मुकाबले की टीम के लिए पेस और भूपति के बीच व्हाट्‍सएप पर जो बातचीत हुई थी वह मीडिया में लीक हो गई और इसे लेकर पेस ने गहरी नाराजगी जताई है।
 
पेस ने कहा कि चयन का मुख्य मापदंड केवल फार्म है और यह बात हमारे बीच हुई बातचीत में पूरी तरह स्पष्ट थी, लेकिन जब अंतिम चयन की बारी आई तो इस मापदंड को लागू नहीं किया गया। हमारे बीच एक निजी बातचीत थी, जिसे सार्वजनिक कर दिया गया जो कि एक डेविस कप कप्तान के लिए शोभनीय नहीं है।
 
27 साल में यह पहली बार भारतीय डेविस कप टीम से बाहर किए गए दिग्गज टेनिस खिलाड़ी ने मीडिया से भी आग्रह किया कि वह इस बातचीत का सही ढंग से आकलन करे। उन्होंने कहा कि मैंने गुरुवार को प्रेस से जो कुछ कहा था, वह वही था जो इस बातचीत में था।
 
पेस ने कहा कि जहां तक महेश की सोशल मीडिया पर डाली गई लंबी पोस्ट का संबंध है तो वह डेविस कप में मेरे योगदान को कमतर करने का प्रयास है। मैं भूपति के हर तर्क का जवाब दे सकता हूं कि किस तरह उनके तर्क पूरी तरह एकतरफा हैं।
 
उन्होंने कहा कि मैं ऐसा निकट भविष्य में कर सकता हूं, लेकिन जहां तक प्रशंसकों का संबंध है उन्हें यह देखना होगा कि किसने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए क्या जीता। इस तरह की बातचीत बहुत हल्की है, जबकि इतिहास के पन्ने कभी झूठ नहीं बोलते। (वार्ता) 
ये भी पढ़ें
मैक्सवेल ने गेंदबाजों को दिया जीत का श्रेय