BBC पर कर्णम मल्लेश्वरी का वादा, 2028 के ओलंपिक में भारतीय भारोत्तोलक जीतेंगे पदक
नई दिल्ली। साल 2000 के सिडनी ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी (Karnam Malleshwari) ने 'वेबदुनिया' के पूछे गए सवाल पर आश्वस्त किया कि उनकी एकेडमी के बच्चे 2028 के ओलंपिक में पदक जरूर जीतेंगे। मल्लेश्वरी पहली बार 'बीबीसी' द्वारा Indian Sports woman Of The Year Award के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों के जवाब दे रहीं थी।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीबीसी की भारतीय भाषाओं की प्रधान संपादक रूपा झा और बीबीसी के एशिया-पैसिफिक के बिजनेस डेवलपमेंट हेड इंदु शेखर भी मौजूद थे। यहां मौजूद कर्णम मल्लेश्वरी से 'वेबदुनिया' ने सवाल किया था कि क्या कारण है कि आपके बाद कोई भी भारतीय भारोत्तोलक ओलंपिक पोडियम पर खड़ा नहीं हुआ। ओलंपिक पदक जीतने के लिए इन्हें क्या करना चाहिए?
देश में कोई वेटलिफ्टिंग की एकेडमी नहीं : ओलंपिक पदक विजेता मल्लेश्वरी ने कहा, मैं हमेशा से मानती हूं कि पूरे देश में कहीं भी वेटलिफ्टिंग की अकादमी नहीं है। सिर्फ 3 सेंटर पटियाला, बेंगलुरु और कोलकाता में हैं, जहां चयनित टीम और नेशनल में पदक जीतने वाले बच्चे वहां जाकर अपनी प्रेक्टिस करते हैं। अगर कोई आम लड़का या लड़की प्रेक्टिस करना चाहे तो उनके गांव में कोई छोटा सा जिम होगा, जैसे हम लोगों ने शुरुआत की।
मल्लेश्वरी तैयार करेंगी 300 भारोत्तोलक : मल्लेश्वरी ने कहा कि मैं बीते 3 सालों से एक किराए की बिल्डिंग में अपनी एकेडमी चला रही हूं। मुझे उम्मीद है कि अगले साल तक मेरी वेटलिफ्टिंग एकेडमी का इंन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा हो जाएगा। इसमें 300 बच्चों के रहने, खाने और शिक्षा का इंतजाम फ्री ऑफ कॉस्ट होगा। फिलहाल मेरे पास 55 बच्चे हैं, जिनका मैं 3 सालों से पालन-पोषण कर रही हूं और मेरे यहां के बच्चे 'खेलो इंडिया' में मेडल जीत रहे हैं, उन्होंने जूनियर नेशनल में भी पदक जीते हैं और ये बच्चे स्टेट लेवल तक पहुंच गए हैं।
2028 में भारत जीतेगा ओलंपिक पदक : मल्लेश्वरी के अनुसार, मैं 12 से लेकर 14 और अधिकतम 16 साल के बच्चे तैयार कर रही हूं।...तो मैं 'वेबदुनिया' को यकीन दिलाना चाहती हूं कि इस ओलंपिक (2020 के टोक्यो ओलंपिक) में तो नहीं लेकिन 2024 के ओलंपिक में कोशिश करूंगी और 2028 के ओलंपिक में निश्चित रूप से हमारे वेटलिफ्टर इंडिया के लिए अच्छा प्रदर्शन (पदक) करेंगे यानी अब भारोत्तोलन में भारत को ओलंपिक पदक जिताने की जिम्मेदारी मल्लेश्वरी ने अपने मजबूत कंधों पर उठा ली है।