फीफा की आधिकारिक साइट पर दर्ज हैं गलत आंकड़े
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे मशहूर खेल और दुनिया की सबसे बड़ी खेल संस्था अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ (फीफा) की आधिकारिक वेबसाइट पर विश्वकप को लेकर यदि गलत आंकड़े दर्ज हों तो किसी को भी आश्चर्य होगा लेकिन यह तथ्य सही है कि फीफा की इस साइट पर पांच बार के विश्व चैंपियन ब्राजील सहित कई टीमों के आंकड़े गलत तरीके से दर्ज हैं।
फीफा की आधिकारिक वेबसाइट पर विश्वकप को लेकर दिए हुए टीमों के सर्वकालीन आंकड़ों पर नज़र डाली जाए तो पांच बार विश्व चैंपियन रह चुके ब्राजील ने अब तक 104 मैचों में 17 जीते हैं, 17 ड्रा खेले हैं और 70 हारे हैं जबकि असल आंकड़े कहते हैं कि विश्वकप में रिकॉर्ड 21 बार हिस्सा ले चुके ब्राजील ने 70 मैच जीते हैं, 17 ड्रा खेले हैं और 17 मैच हारे हैं। ब्राजील 1958, 1962, 1970, 1994 और 2002 में विश्वकप चैंपियन रहा है।
इसी तरह अगर चार बार चैंपियन रहे जर्मनी के आंकड़ों को देखा जाए तो फीफा की साइट के अनुसार, उसने 106 मैचों में 20 जीते हैं, 20 ड्रा खेले हैं और 66 हारे हैं जबकि स्थिति इसके उलट हैं। जर्मनी ने 66 जीते हैं 20 ड्रा खेले हैं और 20 हारे हैं। जर्मनी 18 बार विश्वकप खेल चुका है और 1954, 1974, 1990 और 2014 में विजेता रहा है।
फीफा की इस साइट पर आंकड़ों की इस गलती की ओर ध्यान दिलाते हुए एक फुटबॉल प्रेमी सतीश कनौजिया ने बाकायदा फीफा को एक पत्र लिखकर कहा, मैं आपका ध्यान फीफा विश्वकप के आंकड़ों में टीमों के जीत-हार के रिकॉर्ड की ओर दिलाना चाहता हूं। इसमें टीमों के आंकड़ों को गलत दिखाया गया है जैसे ब्राजील ने 70 मैच जीते हैं लेकिन साइट पर ब्राजील को 70 मैच हारा हुआ दिखाया गया है। इसी तरह अन्य टीमों के आंकड़ों में भी गलतियां हैं।
सतीश के इस पत्र के जवाब में इंटरनेशनल फुटबाल एसोसिएशन बोर्ड (आईएफएबी) के संचार एवं प्रशासन प्रबंधक बोडिएन ब्रोकिएस ने ज्यूरिख से भेजे हुए जवाब में कहा कृपया ध्यान दें कि आईएफएबी अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी प्रकाशित नहीं करता है।
ब्राजील और जर्मनी ही नहीं बल्कि चार बार के चैंपियन इटली, दो बार के चैंपियन अर्जेंटीना, एक बार के चैंपियन स्पेन तथा लगभग सभी टीमों के जीत-हार के रिकॉर्ड को उलटा कर दिया गया है। इटली ने 45, अर्जेंटीना ने 42 और स्पेन ने 29 मैच जीते हैं लेकिन फीफा के विश्वकप के सर्वकालीन आंकड़़ों में इन जीतों को हार की श्रेणी में डाल दिया गया है। फीफा जैसी वैश्विक संस्था के लिए आंकड़ों की ऐसी गलती हैरान करने वाली है। (वार्ता)