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Last Modified: सोमवार, 30 जनवरी 2017 (18:57 IST)

बिंद्रा और गोपीचंद की देखरेख में अगले तीन ओलंपिक खेलों की तैयारियां

बिंद्रा और गोपीचंद की देखरेख में अगले तीन ओलंपिक खेलों की तैयारियां - India, Olympic Games, next three Olympics
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगले 3 ओलंपिक 2020, 2024 और 2028 के लिए कार्यबल समिति बनाने की घोषणा के तहत सरकार ने सोमवार को 8 सदस्यीय कार्यबल का गठन कर दिया जिसमें ओलंपिक स्वर्ण विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा और मशहूर बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद को शामिल किया गया है।
 
केंद्रीय खेलमंत्री विजय गोयल ने अगले 3 ओलंपिक के लिए कार्यबल की घोषणा की। सरकार ने हाल ही में ओलंपिक पोडियम स्कीम (टाप) के लिए समित का पुनर्गठन किया था और अब उसने कार्यबल के गठन की घोषणा कर दी।
 
रियो ओलंपिक में भारत के मात्र 2 पदक जीतने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अगले 3 ओलंपिक के लिए अभी से कार्यबल का गठन किया जाएगा ताकि इन खेलों के लिए खिलाड़ियों को तैयार किया जा सके। गोयल ने कार्यबल के सदस्यों के नामों की घोषणा करते हुए बताया कि यह कार्यबल 3 महीने में अपनी रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपेगा जिसे पीएमओ को प्रेषित किया जाएगा। 
 
गोयल ने बताया कि इस कार्यबल में ओलंपिक स्वर्ण विजेता निशानेबाज अभिनव बिंद्रा, राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद, टाइम्स ग्रुप ऑनलाइन के मुख्य संपादक राजेश कालड़ा, स्कूल स्पोर्ट्स प्रमोशन फाउंडेशन के ओम पाठक, ओलंपिक गोल्ड क्वेस्ट के सीईओ और पूर्व हॉकी खिलाडी वीरेन रस्किन्हा, हॉकी कोच एस. बलदेव सिंह, प्रोफेसर जीएल खन्ना और गुजरात खेल प्राधिकरण के महानिदेशक संदीप प्रधान को शामिल किया गया है। प्रधान इस समिति के संयोजक होंगे।
 
गोयल ने बताया कि यह समिति जरूरत पड़ने पर अन्य खेलों के विशेषज्ञों को भी आमंत्रित कर सकती है। अन्य खेलों के विशेषज्ञ अपने सुझाव इस समिति को दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि 2020, 2024 और 2028 के ओलंपिक के लिए अभी से तैयारी की जाए ताकि 8 साल की उम्र से ही प्रतिभाशाली बच्चों को आगे के ओलंपिक के लिए तैयार किया जा सके।
 
खेलमंत्री ने कार्यबल की जिम्मेदारियां बताते हुए कहा कि इसे अगले 3 ओलंपिक के लिए भारतीय खिलाड़ियों की भागीदारी के लिए अपनी योजना देनी होगी, 2020 ओलंपिक के लिए कोर संभावितों और पदक संभावितों की पहचान के लिए सुझाव देने होंगे, 2024 और 2028 के ओलंपिक के लिए प्रतिभा पहचान प्रणाली बतानी होगी, विश्वस्तरीय सिस्टम की पहचान करनी होंगी, सरकार और खेल संघों के अंदर प्रमुख अंशधारकों के प्रयासों को दिशा देने के सुझाव बताने होंगे, कोचिंग का स्तर सुधारना होगा, खेल ढांचों को अपग्रेड करना होगा और विदेशी ट्रेनिंग और एक्सपोजर के लिए अपने सुझाव देनें होंगे।
 
गोयल ने बताया कि सरकार इस कार्यबल को जो मामले सौंपती है, इसे उन पर अपनी सिफारिशें भी देनी होंगी। इस समिति में विदेशी विशेषज्ञ के रखे जाने के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी ऐसी कोई जरूरत नहीं है।
 
यह पूछने पर कि पिछले 3 ओलंपिक में देश को लगातार पदक दिला रहे कुश्ती की इस पैनल या टाप स्कीम में कोई नुमाइंदगी नहीं है? गोयल ने कहा कि हम किसी खेल विशेष को लेकर नहीं चल सकते हैं। हम हमेशा सुझावों को आमंत्रित करते हैं और किसी खेल से सुधार के लिए कोई अपने सुझाव देना चाहता है तो वह इस समिति को दे सकता है। 
 
खेलमंत्री ने कहा कि हम जल्द ही एक खेल पोर्टल की घोषणा करेंगे और इसके अलावा हमारे पास स्कॉलरशिप की भी योजना है जिसके तहत हम एक साल के लिए नहीं बल्कि 5 से 8 साल के लिए चुने हुए खिलाड़ियों को सालाना 5 लाख रुपए की स्कॉलरशिप देंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि निजी तौर पर जो लोग खेलों को उठाने के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें भी हम अपनी मदद देंगे। मैंने ब्लाइंड क्रिकेट करा रहे लोगों को 30 लाख रुपए की मदद दी है।
 
गोयल ने टाप स्कीम का जिक्र करते हुए कहा कि इसके तहत राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों की तैयारियों को मजबूत किया जाएगा। इसके तहत 100 खिलाड़ियों को चुना जाएगा, जो अपनी ट्रेनिंग को सुधारेंगे। खिलाड़ी पहले अपने हिसाब से ट्रेनिंग करते थे लेकिन अब उन्हें हमारे कार्यक्रम के हिसाब से ट्रेनिंग करनी होंगी और इसमें उनकी सलाह ली जाएगी।
 
अंडर-17 फुटबॉल टीम के कोच निकोलई एडम को हटाने के मुद्दे पर गोयल ने कहा कि इस मामले में रिपोर्ट मांगी गई है और रिपोर्ट आते ही इस पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। कोच को रखने या हटाने का अधिकार सिर्फ मंत्रालय के पास है। हमें यह भी देखना है कि देश की छवि को कोई धक्का न पहुंचे, वरना अन्य कोच यहां आने को तैयार नहीं होंगे।
 
खेलमंत्री ने कैंसर से जूझ रहे मुक्केबाज डिंको सिंह को हर तरह की मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि वे जिस तरह की मदद मांगेंगे, सरकार उन्हें पूरी सहायता देगी और इसमें कोई कोताही नहीं की जाएगी। (वार्ता)
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