14 वर्षीय तीरंदाज की गर्दन के आरपार गया तीर, बाल बाल बची
14 वर्षीय तीरंदाज फाजिला खातून (तस्वीर : यूट्यूब)
कोलकाता। भारतीय खेल प्राधिकरण (बोलपुर) की एक 14 वर्षीय तीरंदाज बाल-बाल बच ग#@ क्योंकि आज सुबह अभ्यास सत्र के दौरान एक तीर उनके गर्दन के दायें हिस्से के पास से आर-पार निकल गया था।
साइ के क्षेत्रीय निदेशक एमएस गोइंडी ने इसे ‘दुर्घटना’ करार दिया और कहा कि तीरंदाज फाजिला खातून के गर्दन के पास से तीर आर-पार निकल गया और वह खतरे से बाहर हैं। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘एक तीर उनकी गर्दन के पास से आर-पार हो गया लेकिन सौभाग्य से वह उनकी सांस की नली से होकर नहीं गुजरा और अब वह खतरे से बाहर है।’
गोइंडी ने कहा, ‘लड़की लक्ष्य से कुछ दूरी पर छाया में आराम कर रही थी जब गलत दिशा में चला गया एक तीर उस पर जा लगा। हमने उसके परिजनों से बात की तथा लड़की ने भी यह सोचकर माफी मांगी है कि उसे लक्ष्य के इतने पास में नहीं बैठना चाहिए था।’
वीडियो में दिखाया गया है कि फाजिला अस्पताल में है और तीर उनकी गर्दन के दायीं तरफ से आर-पार हुआ है। गोइंडी ने घटना की विस्तृत जांच के आदेश देते हुए कहा, ‘निशाना लगाने को लेकर कड़े निर्देश दिए गए हैं कि जब तीरंदाज तीर एकत्रित करने गया हो तो तब कोई निशाना नहीं लगाएगा। उनके वापस अपनी जगह पर लौटने के बाद ही अगले दौर के निशाने लगाए जाते हैं। लेकिन मैं नहीं जानता कि यह कैसे हुआ।’
उन्होंने कहा कि आगे ऐसा नहीं होगा। गोइंडी ने कहा, ‘सभी कोच जवाबदेह हैं। मैं पूरी जांच करवाऊंगा कि क्या हमारी तरफ से कोई चूक हुई है। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि भविष्य में ऐसी कोई घटना नहीं घटे।’
उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि कोचिंग स्टाफ की तरफ से चूक हुई क्योंकि एक सेट निशाने पर लगाने के बाद निशाना नहीं लगाने की घोषणा कर दी जाती है।’
फाजिला रिकर्व की युवा तीरंदाज है। वह उन 23 प्रशिक्षुओं में शामिल है, जिन्हें जुलाई में जिला प्रतियोगिताओं में ट्रायल के बाद साइ केंद्र के लिए चुना गया था। वह अगले महीने होने वाले अंतर साइ टूर्नामेंट के लिए तैयारियां कर रही थी। (भाषा)