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Written By भाषा
Last Modified: रियो‍ डि जेनेरियो , रविवार, 29 जून 2014 (15:24 IST)

‘सांबा स्कूल’ में नगाड़े नहीं, फुटबॉल की हलचल

विश्व कप फुटबॉल
रियो‍ डि जेनेरियो। रियो‍ डि जेनेरियो के मशहूर ‘मैंगुएरा सांबा स्कूल’ का झंडा लपेटे रोड्रिगो की आंखों में ब्राजील की विश्व कप मुकाबले में पेनल्टी शूटआउट के बाद चिली पर जीत से आंसू आ गए।

आमतौर पर मैंगुएरा में नगाड़ों की आवाज ही संगीतज्ञों और नर्तकों को नाचने पर बाध्य करती है, लेकिन शनिवार को ब्राजील के मैच के दौरान सभी की धड़कनें तेज थीं और सांबा की आवाज से गूंजने वाला कमरा शांत था। फावेला में बने इस स्कूल का मुख्यालय यहां के निवासियों का ‘स्क्रीनिंग रूम’ बन गया।

33 वर्षीय रोड्रिगो ने ब्राजीली टीम के राइट बैक डानी एलवेस की तरह का हेयरकट कराया हुआ था, उनके बाल भी उनकी तरह भूरे रंगे थे।

उन्होंने कहा कि यह बहुत कठिन था, लेकिन जीत से स्वाद बेहतर लग रहा है। भावनाएं और बढ़ गई हैं। उन्होंने अपने स्लम में बने 86 वर्षीय सांबा स्कूल के हरे-गुलाबी झंडे को चूमा, यह स्कूल रियो के सालाना कार्निवल के शीर्ष प्रतिस्पर्धी स्कूलों में से एक है।

रोड्रिगो ने ब्राजीली गोलकीपर जुलियो सीजर, जिन्होंने दो पेनल्टी शॉट बचाए, का जिक्र करते हुए कहा कि एक समय में, मुझे लगा कि हम हार जाएंगे लेकिन यह ब्राजील है और हमारे पास दुनिया का सर्वश्रेष्ठ गोलकीपर है। यह पार्टी करने का समय है।

एक अन्य प्रशंसक मारियो सीजर ने स्पॉट किक शुरू होने से पहले कहा कि मेरा दिल 1,000 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से धड़क रहा था और हम केवल प्रार्थना ही कर सकते थे।

पेनल्टी लॉटरी की तरह होती हैं। फावेला एक समय नशीली दवाओं की तस्करी के लिए काफी मशहूर था, लेकिन मैच के दौरान यह क्षेत्र शांत था। (भाषा)