Surya grahan 2025: वर्ष 2025 में 2 सूर्य ग्रहण और 2 चंद्र ग्रहण रहेंगे। पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को दूसरा 21 सितंबर को लगेगा जबकि पहला चंद्र ग्रहण 14 मार्च को लगा और दूसरा 7 सितंबर को लगेगा। इस बार सूर्य ग्रहण तब लग रहा है जबकि शनि ग्रह का कुंभ राशि से मीन राशि में परिवर्तन होगा।
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सूर्य ग्रहण के लगने का समय, सूतक काल और कहां यह नजर आएगा? इसका भारत पर प्रभाव क्या होगा, जानिए संपूर्ण जानकारी।
पहला सूर्य ग्रहण 2025:
दिनांक: 29 मार्च 2025 शनिवार,
चैत्र मास की कृष्ण पक्ष अमावस्या के दिन लगेगा।
ग्रहण प्रकार: पूर्ण सूर्य ग्रहण यानी खग्रास ग्रहण होगा।
सूतक काल : जहां पर भी यह सूर्य ग्रहण नजर आएगा वहां पर सूतक काल ग्रहण के 12 घंटे पहले से शुरू हो जाएगा।
कहां दिखाई देगा : यह सूर्य ग्रहण फ्रांस, हंगरी, आयरलैंड, मोरक्को, ग्रीनलैंड, बरमूडा, बारबाडोस, डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, उत्तरी ब्राजील, फिनलैंड, जर्मनी, कनाडा का पूर्वी भाग, लिथुआनिया, हॉलैंड, पुर्तगाल, उत्तरी रूस, स्पेन, सूरीनाम, स्वीडन, पोलैंड, पुर्तगाल, नॉर्वे, यूक्रेन, स्विट्जरलैंड, इंग्लैंड और अमेरिका के पूर्वी क्षेत्र, आदि में देखा जा सकेगा।
भारत में नहीं आएगा नजर : आपको बता दें कि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। अत: भारत में नहीं दिखाई देने के कारण इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा। जहां दिखाई देगा वहां सूतक काल मान्य है। इसके साथ ही यह ईरान, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, बाली, चीन आदि देशों में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
किस राशि में लगेगा ग्रहण: यह सूर्य ग्रहण मीन राशि और उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। इस दिन मीन राशि में सूर्य और राहु के अतिरिक्त शुक्र, बुध और चंद्रमा उपस्थित होंगे।
सूर्य ग्रहण का राशियों पर प्रभाव:
- इस ग्रहण का धनु, मकर और मिथुन राशि पर शुभ प्रभाव रहेगा।
- मेष, कर्क, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि के लिए अशुभ प्रभाव वाला होगा।
- वृषभ, सिंह, तुला और कन्या राशि पर इसका मिलाजुला प्रभाव रहेगा।
भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण का प्रभाव शुभ और अशुभ दोनों हो सकता है। यह ग्रहण मीन राशि और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा। शनि और सूर्य में शत्रुता है, इसलिए इस ग्रहण का प्रभाव नकारात्मक हो सकता है। यह ग्रहण राजनीतिक अस्थिरता, प्राकृतिक आपदाओं और आर्थिक मंदी का कारण बन सकता है। यह ग्रहण व्यक्तिगत जीवन में भी तनाव और संघर्ष ला सकता है।
सूर्य ग्रहण के दिन शनि कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे और अगले दिन हिंदू नववर्ष प्रारंभ होगा। बता दें कि भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ लोगों का मानना है कि 2025 का सूर्य ग्रहण कुछ राशियों के लिए अशुभ हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को एक अशुभ घटना माना जाता है और इसका प्रभाव लोगों के जीवन पर पड़ सकता है।
साथ ही कुछ ज्योतिषी मानते हैं कि यह ग्रहण कुछ विशेष राशियों के लिए अशुभ फलदायी हो सकता है। लेकिन वैज्ञानिकों के अनुसार देखें तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है और इसका पृथ्वी पर होने वाली घटनाओं से कोई सीधा संबंध नहीं है। वहीं ज्योतिषीय दृष्टिकोण के चलते ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को ग्रहों की स्थिति में परिवर्तन के रूप में देखा जाता है, जो लोगों के जीवन को प्रभावित कर सकता है। ऐसी मान्यता है कि ग्रहण की प्रक्रिया से सूर्य और चंद्र दोनों ही पीड़ित हो जाते हैं, जिसका जातकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
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