बुधवार, 27 सितम्बर 2023
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नागा साधुओं की यह 13 विचित्र जानकारियां आप नहीं जानते हैं

मंगलवार,अप्रैल 26, 2016
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नागा साधु की भभूत भस्म, भभूति या भभू‍त लम्बी प्रक्रिया के बाद तैयार होती है। नागा बाबा या तो किसी मुर्दे की राख को शुद्ध करके शरीर पर मलते हैं या उनके द्वारा किए गए हवन की राख को शरीर पर मलते हैं या फिर यह राख धुनी की होती है।
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सिंहस्थ 2016 में कई विद्वान और महान संत एकत्र हुए हैं। मेला क्षेत्र में कौन सा अखाड़ा कहां है और किस संत का पंडाल किधर सजा है पेश हैं संक्षिप्त जानकारी....
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सिंहस्थ के निकट आते ही उज्जैन में साधु-संतों ने डेरा जमा लिया है। इस विशाल महा-आयोजन में सबसे ज्यादा अगर कोई आकर्षण का विषय है तो वह है अघोरी। वह जो कापालिक क्रिया करते हैं। वह जो तांत्रिक साधना श्मशान में करते हैं और वह जो भस्म से लिपटे होते हैं ...
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उदासीन संप्रदाय अखाड़े

बुधवार,फ़रवरी 3, 2016
उदासीन का शाब्दिक अर्थ है उत्+आसीन= उत् = ऊंचा उठा हुआ अर्थात ब्रह्रा में आसीन = स्थित, समाधिस्थ। यहां प्रस्तुत है छोटे उदासीन अखाड़े के महंतों की जानकारी।
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शैव संन्यासियों की तरह वैष्णवों के भी संप्रदाय और अखाड़े हैं। उन संप्रदायों और अखाड़ों के अंतर्गत उप-संप्रदाय और अखाड़े भी अस्तित्व में है।
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शैव संन्यासी संप्रदाय का इतिहास बहुत ही प्राचीन है। शैव संन्यासी संप्रदाय के बहुत सारे अखाड़े या कहें की मठ और मड़ियां हैं। उनमें से प्रमुख सात की संक्षिप्त जानकारी। यह सभी दसनामी संप्रदाय के अंतर्गत ही आते हैं। वैष्णव और उदासीन संप्रदाय के अलग ...
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मूलत: अखाड़े संतों की उस सेना या संगठन को कहा जाता है जो धर्म की रक्षा के लिए विशेष पारंपरिक रूप से गठित किए गए हैं। अपनी धर्मध्वजा ऊंची रखने और विधर्मियों से अपने धर्म, धर्मस्थल, धर्मग्रंथ, धर्म संस्कृति और धार्मिक परंपराओं की रक्षा के लिए किसी ...
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मूलत: कुंभ या अर्धकुंभ में साधु-संतों के कुल 13 अखाड़ों द्वारा भाग लिया जाता है। इन अखाड़ों की प्राचीन काल से ही स्नान पर्व की परंपरा चली आ रही है। इन अखाड़ों के नाम हैं : -
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सिंहस्थ, कुंभ या अर्धकुंभ में अखाड़ों का विशेष महत्व होता है। यह अखाड़े हैं क्या? इनकी परंपरा क्या है, सिंहस्थ में जाने से पूर्व जानिए ...
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