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Last Updated : मंगलवार, 16 अगस्त 2022 (17:56 IST)

भगवान बलराम का एक नाम संकर्षण क्यों है, क्या है उनका श्रीकृष्ण से रिश्ता

भगवान बलराम का एक नाम संकर्षण क्यों है, क्या है उनका श्रीकृष्ण से रिश्ता - lord balarama sankarshan
बलराम का बलदाऊ और बलभद्र भी कहा जाता है, लेकिन उनका एक नाम संकर्षण भी है। आओ जानते हैं कि आखिर उनका श्रीकृष्‍ण के साथ क्या था रिश्ता और क्यों कहते हैं उन्हें संकर्षण।
 
श्रीकृष्‍ण के साथ रिश्‍ता : बलराम जी भगवान श्रीकृष्ण के ऐसे बड़े भाई थे तो सगे थे भी और नहीं भी। उन्हें श्रीकृष्ण दाऊ कहते थे और वे उनके बड़े भाई थे। वसुदेवजी की पहली पत्नी रोहिणी के गर्भ से उनका जन्म हुआ था। वसुदेव की दूसरी पत्नी देवकी के गर्भ से श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। मतलब यह कि दोनों के पिता एक थे लेकिन माताएं अलग अलग थीं। 
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क्यों कहते हैं संकर्षण : कथा के अनुसार भगवान शेषनाग ने देवकी के गर्भ में सप्तम पुत्र के रूप में प्रवेश किया था। कंस इस गर्भ के बालक को जन्म लेते ही मार देना चाहता था। तब भगववान श्रीकृष्ण ने योगमाया को बुलाया और कहा कि आप देवकी के इस गर्भ को ले जाकर रोहिणी के गर्भ में डाल आओ। 
 
श्रीकृष्ण के आदेश से योगमाया प्रकट होकर अपनी माया से देवकी के गर्भ को ले जाकर रोहिणी के गर्भ में डाल देती है। देवकी के पेट से गर्भ को खींचकर निकालकर उस रोहिणी के गर्भ में डालने की इस क्रिया को संकर्षण कहा जाता है। गर्भ से खींचे जाने के कारण ही उनका नाम संकर्षण पड़ा। लोकरंजन करने के कारण वे राम कहलाए और बलवानों में श्रेष्ठ होने के कारण वे बलराम कहलाए। वे अपने साथ हमेशा एक हल रखते थे इसलिए उन्हें हलधर भी कहा जाता था।