• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. Shravan Somvar
Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Modified: सोमवार, 26 जुलाई 2021 (11:08 IST)

26 जुलाई : श्रावण सोमवार की 5 खास बातें

26 जुलाई : श्रावण सोमवार की 5 खास बातें - Shravan Somvar
25 जुलाई 2021 रविवार से श्रावण मास प्रारंभ हो चुका है। 26 जुलाई 2021 को सावन का पहला सोमवार है। आओ जानते हैं श्रावण सोमवार की 5 खास बातें।
 
 
1. सबसे पहले परशुरामजी ने रखा था व्रत : शिव को श्रावण का सोमवार विशेष रूप से प्रिय है। श्रावण में भगवान आशुतोष का गंगाजल व पंचामृत से अभिषेक करने से शीतलता मिलती है। कहते हैं कि भगवान परशुराम के कारण ही श्रावण मास में शिवजी का व्रत और पूजन प्रारंभ हुआ। 
 
2. मन की शांति के लिए रखें व्रत : सप्ताह के व्रतों में गुरुवार श्रेष्ठ, पक्ष के व्रतों में एकादशी और प्रदोष ही श्रेष्ठ, वर्ष के व्रतों में चतुर्मास श्रेष्ठ और चतुर्मास में सबसे श्रेष्ठ श्रावण का महीना है। श्रावण माह में सोमवार को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है इसलिए इस माह में सोमवार का व्रत जरूर रखना चाहिए। सावन सोमवार के दिन उन लोगों को उपवास रखना चाहिए जिनका स्वभाव ज्यादा उग्र है। इससे उनकी उग्रता में कमी होगी। यदि प्रकृति गर्म है तो भी यह उपवास रख सकते हैं।
 
3. इस दिन से कर सकते हैं 16 सोमवार व्रत की शुरुआत : शिवपुराण के अनुसार जिस कामना से कोई इस मास के सोमवारों का व्रत करता है, उसकी वह कामना अवश्य एवं अतिशीघ्र पूरी हो जाती है। जिन्हें 16 सोमवार व्रत करने हैं, वे भी सावन के पहले सोमवार से व्रत करने की शुरुआत कर सकते हैं। इस मास में भगवान शिव की बेलपत्र से पूजा करना श्रेष्ठ एवं शुभ फलदायक है।
 
4. शिव के जलाभिषेक का फल : श्रावण मास को मासोत्तम मास कहा जाता है। श्रवण नक्षत्र तथा सोमवार से भगवान शिव शंकर का गहरा संबंध है। इसी माह में भगवान शिव और प्रकृति अनेक लीलाएं रचते हैं। कहते हैं कि जब समुद्र मंथन से निकले हलाहल विष को भगवान शंकर ने पीकर उसे कंठ में अवरुद्ध कर दिया तो उस तपन को शांत करने के लिए देवताओं ने उनका जलाभिषेक इसी माह में किया था। इसीलिए इस माह में शिवलिंग या ज्योतिर्लिंगों का दर्शन एवं जलाभिषेक करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त करता है तथा शिवलोक को पाता है।
 
5. साधना की कर सकते हैं शुरुआत : इस दिन सिर पर भस्म का तिलक लगाएं। सोमवार के दिन किसी साधना की शुरुआत करना चाहिए। यदि कुंडली में चंद्र ग्रह शनि के साथ है तो यह विष योग माना जाता है। उपाय के साथ ही सावन सोमवार व्रत रखना चाहिए। यदि चंद्र छठे, सातवें और आठवें भाव में हो तो भी उपाय के साथ ही सावन सोमवार व्रत रखना चाहिए।
ये भी पढ़ें
कावड़ यात्रा की 10 ऐसी बातें जो आपको पता होना चाहिए