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Written By अनिरुद्ध जोशी

Sawan Somvar 2020: सावन का अंतिम सोमवार क्यों है महत्वपूर्ण, जानिए 7 मुख्‍य बातें

Sawan Somvar 2020: सावन का अंतिम सोमवार क्यों है महत्वपूर्ण, जानिए 7 मुख्‍य बातें - Sawan somvar vrat
श्रावण मास में सोमवार को व्रत रखने का बहुत महत्व है। सावन का अंतिम सोमवार 3 अगस्त को हो। इस दिन लगभग सभी लोग उपवास रखेंगे। आओ जानते हैं कि इस बार का अंतिम सोमवार क्यों है महत्वपूर्ण।
 
 
1. इस बार श्रावण मास में 4 नहीं पांच सोमवार है। सावन मास का पहला सोमवार 6 जुलाई को था। दूसरा 13 जुलाई को, तीसरा 20 जुलाई को, चौथा 27 जुलाई को और पांचवां 3 अगस्त को है। सावन के अंतिम सोमवार को विशेष पूजा का विधान रहता है।
 
2. अगस्त को पूर्णिमा की तिथि है। इस दिन चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेंगे। इस दिन प्रीति योग है. जो सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक रहेगा इसके बाद आयुष्मान योग का निर्माण होगा।
 
3. श्रावण का अंतिम सोमवार इस बार पूर्णिमा के दिन होगा। पूर्णिमा के देवता चंद्रदेव और सोमवार के देवता भगवान शिव हैं। इसलिए यह महत्वपूर्ण संयोग है। पूर्णिमा के देवता चंद्रमा है। यह सौम्या तिथि हैं। इस तिथि में चंद्रदेव की पूजा करने से मनुष्‍य का सभी जगह आधिपत्य हो जाता है।
 
4. इस बार सोमवार पूर्णिमा के दिन ही रक्षा बंधन का त्योहार भी है। अत: यह भी एक महत्वपूर्ण संयोग है। रक्षा बंधन पर श्रावण सोमवार का अंतिम सोमवार रहेगा। यह संयोग बहुत ही दुर्लभ होता है। अत: इस दिन व्रत रख कर रक्षा बंधन मनाने का कई गुना लाभ है। रक्षा बंधन का त्योहार पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। 
 
5. सावन के 5 सोमवार शिव के 5 मुख के प्रतीक माने गए हैं। शिवजी का पांचवां मुख सद्योजात, वामदेव, तत्पुरुष, अघोर और ईशान हुए और प्रत्येक मुख में तीन-तीन नेत्र बन गए। तभी से वे 'पंचानन' या 'पंचवक्त्र' कहलाने लगे। अंतिम सोमवार के दिन भगवान शिव के इन पंचमुख के अवतार की कथा पढ़ने और सुनने का बहुत माहात्म्य है। यह प्रसंग मनुष्य के अंदर शिव-भक्ति जाग्रत करने के साथ उसकी समस्त मनोकामनाओं को पूरी कर परम गति देने वाला है।
 
6. इस महत्वपूर्ण दिन पितृ-तर्पण और ऋषि-पूजन या ऋषि तर्पण भी किया जाता है। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद और सहयोग मिलता है जिससे जीवन के हर संकट समाप्त हो जाते हैं।
 
7. मान्यता है कि अंतिम सोमवार को भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी का भ्रमण करते हैं और अपने भक्तों को आर्शीवाद प्रदान करते हैं। अत: इस दिन रुद्राभिषेक करके रुद्राष्टक और लिंगाष्टक का पाठ करना चाहिए।