शिव पूजा मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त:- प्रात: 04:23 से 04:06 तक.
प्रातः सन्ध्या:- प्रात: 04:44 से 05:49 तक.
अभिजीत मुहूर्त:- दोपहर 11:59 से 12:52 तक.
विजय मुहूर्त:- दोपहर 02:38 से 03:31 तक.
गोधूलि मुहूर्त:- शाम 07:03 से 07:25 तक.
सायाह्न सन्ध्या:- शाम 07:03 से 08:08 तक.
2 शुभ योग में मनेगा सावन का चौथा सोमवार:-
12 अगस्त 2024 को चौथे सावन सोमवार के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं। पहला शुक्ल योग प्रात:काल से लेकर शाम 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से ब्रह्म योग प्रारंभ होगा। इसी के साथ ही चौथे सावन सोमवार पर स्वाति नक्षत्र प्रात:काल से लेकर सुबह 08:33 बजे तक रहेगा फिर विशाखा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा।
रुद्राभिषेक पूजा की सरल विधि- Rudrabhishek puja vidhi :-
पूजा सामग्री- भांग, धतूरा, बेलपत्र, दूध, दही, घृत, शहद, चीनी, अनार, ऋतुफल, भस्म, चंदन, सफेद फूल, जल का पात्र, गंगा जल, शिव भोग, प्रसाद आदि।
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शिवलिंग को उत्तर दिशा में स्थापित करके पूर्व में मुख करके रुद्राभिषेक करते हैं।
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पहले शिवलिंग का शुद्ध जल या गंगाजल से जलाभिषेक करें।
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इसके बाद पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर, घी) समेत गन्ने का रस आदि सभी तरल पदार्थ से उनका अभिषेक करें।
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अभिषेक करते समय शिवजी का पंचाक्षरी मंत्र- ॐ नम: शिवाय का जप करते रहें।
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उपरोक्त अभिषेक करने के बाद पुन: जलाभिषेक करें।
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इसके बाद शिवजी को चंदन और भस्म का लेप लगाएं।
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लेप लगाते समय महामृत्युंजय मंत्र या रुद्राष्टकम मंत्र का जाप करें।
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इसके बाद उन्हें पान का पत्ता, बेलपत्र सहित सभी बची हुई पूजा सामग्री करें।
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इसके बाद उन्हें उनकी पसंद का भोग लगाएं और इसके बाद 108 बार शिव मंत्र का जप करें।
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जप करने के बाद उनकी आरती उतारते हैं।
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आरती के बाद प्रसाद वितरण करते हैं।ALSO READ: Shringi for abhishek : सावन मास में श्रृंगी से करें शिवलिंग का जलाभिषेक, महादेव होंगे अति प्रसन्न, देंगे आशीर्वाद
सावन सोमवार के 4 अचूक उपाय:-
1. शिवा मुट्ठी : शिवा मुट्ठी में 5 अनाज होते हैं- अरहर की दाल, अक्षत, गेहूं, काला तिल और मूंग की दाल। सभी एक एक मुट्ठी एकात्रित करने इन्हें शिव मंदिर में अर्पित करें।ALSO READ: ऐसे रखें सावन में व्रत, शरीर में नहीं आएगी कमजोरी और इम्यूनिटी भी होगी बूस्ट
2. शिव मंदिर में प्रज्वलित करें दीपक : शाम के समय शिव मंदिर में घी का दीपक लगाने वाले व्यक्ति को अपार धन-संपत्ति एवं ऐश्वर्य की प्राप्ति होती हैं। अत: नियमित रूप से शाम को या रात्रि के समय किसी भी शिवलिंग के समक्ष दीपक लगाना चाहिए।
3. लक्ष्मी नारायण की आराधना : श्रावण में भगवान शिव के साथ-साथ लक्ष्मी नारायण की आराधना भी बहुत फलदायी है। यदि इस माह में सायंकाल के समय आप शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करके 108 बार 'नम: शिवाय' और फिर माता लक्ष्मी का प्रिय मंत्र 'ॐ श्री ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्री ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।' का जाप करते हैं और धन प्राप्ति की प्रार्थना करें तो आपको निश्चित ही अपार धन प्राप्ति होकर कर्ज से मुक्ति का रास्ता मिल जाएगा।
4. मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं: श्रावण में भगवान शिव का ध्यान करते हुए उन्हें कर्ज की समस्या से छुटकारा दिलाने की प्रार्थना करें। साथ ही हर रोज शिवलिंग पर लाल पुष्प चढ़ा कर नमः शिवाय बोलते हुए शिवलिंग को गंगाजल चढ़ाएं और सफेद मिठाई अर्पित करें। फिर माता लक्ष्मी को भी लाल गुलाब का पुष्प चढ़ाकर खीर का भोग लगाएं और कर्ज मुक्ति की कामना करें। साथ ही सावन मास में मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। इससे भी मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन प्राप्ति का वरदान देती है।