शेयर बाजार के लिए कैसे रहे जनवरी के पहले 20 दिन, FPI ने क्यों निकाले 15,236 करोड़?
नई दिल्ली। वैश्विक बाजारों से आ रही नकारात्मक खबरों की वजह से भारतीय शेयर बाजार के लिए जनवरी के पहले 20 दिन कुछ खास नहीं रहे। सेंसेक्स 500 से ज्यादा और निफ्टी 170 अंकों की गिरावट आई। चीन के बाजारों का आकर्षण बढ़ने और अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने की चिंता के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अब तक शेयर बाजारों से शुद्ध रूप से 15,236 करोड़ रुपए की निकासी की है। हालांकि, पिछले चार कारोबारी सत्रों में एफपीआई लिवाल रहे हैं।
इस सप्ताह में शेयर बाजारों की दिशा मुख्य रूप से कंपनियों के तिमाही नतीजों, वैश्विक रुझान और विदेशी कोषों (FII) के रुख से तय होगी।
क्यों गिर रहा है शेयर बाजार : शेयर बाजार एक्सपर्ट योगेश बागौरा ने कहा कि वैश्विक कारणों की वजह से गिर रहा है। अमेरिका में मंदी की आहट। 2020 के बाद से अमेरिका में सबसे खराब डाटा आया है। गूगल, फेसबुक जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियां छंटनी कर रही है। इसका भी बाजार पर नकारात्मक असर पड़ रहा है। महंगाई लगातार बढ़ रही है। इस वजह से बैंकों को ब्याज दर में बढ़ोतरी करना पड़ रही है। ऊंचे कर्ज की दर की वजह से कंपनियों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। भारत की डोमेस्टिक खपत ज्यादा होने की वजह से भारत पर इसका असर देर से और कम होगा।
शेयर बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि चीन ने आयात कम किया और निर्यात बढ़ाया। इससे चीन को फायदा हुआ। दुनिया के कई बड़े देशों के केंद्रीय बैंकों ने ब्याज दरें बढ़ाई। इस वजह से निवेशकों ने हमारे यहां से पैसा निकालकर अपने यहां लगाया। रूस और यूक्रेन में युद्ध विराम नहीं हुआ है, चीन और ताईवान में तनाव की वजह से शेयर बाजार स्टेबल नहीं है। भारत का मौसम, फसलों, सरकारी नीतियों, बेरोजगारी दर, जीडीपी की वजह से भी बाजार प्रभावित है। उन्होंने कहा कि बजट तक बाजार में उतार चढ़ाव का दौर जारी रहेगा।
इन सेक्टर्स में नुकसान : बागौरा ने बताया कि वैसे तो सभी सेक्टरों में निवेशकों को नुकसान हो रहा है लेकिन आईटी, ऑटो, बैंकिंग, फॉर्मा जैसे सेक्टर्स के शेयरों में लगातार गिरावट की स्थिति दिखाई दे रही है।
इससे पहले दिसंबर में एफपीआई ने शेयर बाजारों में 11,119 करोड़ रुपए और नवंबर में 36,239 करोड़ रुपए डाले थे। FPI के निवेश के लिहाज से 2022 सबसे खराब साल रहा है। 2022 में उन्होंने शेयरों से जमकर निकासी की, जबकि इससे पिछले 3 साल के दौरान उन्होंने शेयरों में शुद्ध निवेश किया था। कुल मिलाकर, एफपीआई ने 2022 में भारतीय शेयर बाजारों से 1.21 लाख करोड़ रुपए निकाले हैं।
FPI ने क्यों की निकासी : इसकी प्रमुख वजह वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में वृद्धि, विशेष रूप से अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच जिंसों के ऊंचे दाम हैं। FPI की बिकवाली की प्रमुख वजह लॉकडाउन के बाद चीन के बाजारों का आक्रामक तरीके से फिर से खुलना है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने 20 जनवरी तक 15,236 करोड़ रुपए की शुद्ध निकासी की है।