• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. शहीद दिवस
  4. shaheed diwas 2020
Written By

शहीद दिवस: वो बलिदान जिसकी वजह से हम आज हैं आजाद

शहीद दिवस: वो बलिदान जिसकी वजह से हम आज हैं आजाद - shaheed diwas 2020
भारत को आजादी दिलाने के लिए देश के सपूतों ने कई बलिदान दिए। कई तरह की यातनाएं सही। उन्ही बलिदानों में से सबसे महान बलिदान शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का माना जाता है। ये बलिदान हम कभी नही भूलते सकते हैं।
 
जिस आजाद भारत में आज हम सुकून की सांस ले रहे हैं, उसकी आजादी के लिए वे हंसते हुए और आजादी के गीत गाते हुए फांसी पर झूल गए थे।  
 
23 मार्च 1931 को भगत सिंह,  सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इसी दिन को हम शहीद दिवस के रूप में मनाते है। शहीद दिवस वैसे तो कई दिनों में मनाया जाता हैं। लेकिन भारतीयों में जो सबसे ज्यादा लोकप्रिय तिथि 23 मार्च 1931 है। इस दिन ही शहीद दिवस मनाया जाता है और भगत सिंह समेत सुखदेव और राजगुरु को याद किया जाता है।
 
दरअसल अंग्रेजों के बढ़ते हुए अत्याचार से सबसे पहले भगत सिंह ने लौहार में सांडर्स की गोली मार कर हत्या कर दी। उसके बाद ‘पब्लिक सेफ्टी  और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिल’ के विरोध में भगत सिंह ने सेंट्रल असेम्बली में बम फेक था। हालांकि उनका मकसद सिर्फ अंग्रेजों तक अपनी आवाज पहुंचाना था कि किसी की हत्‍या करना नहीं। इस घटना के बाद उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया था। 
 
कब-कब होता है शहीद दिवस
 
शहीद दिवस कई दिन मनाया जाते हैं, लेकिन हर दिन अलग-अलग बलिदानों के कारण। 
 
30 जनवरी को गांधीजी की नाथुराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसीलिए इस दिन को भी शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। 
 
23 मार्च 1931 – इस तिथि को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी।
 
19 नवम्बर को रानी लक्ष्मीबाई के जन्मदिन के दिन भी शहीद दिवस मनाया जाता हैं।