आखिर आपको कितने सेक्स की जरूरत है?
कनाडा के टोरांटो में वैज्ञानिकों ने आखिर इस बात का खुलासा कर दिया है कि आपको कितने अधिक सेक्स की जरूरत है? अक्सर होता यह है कि सेक्स की कमी या अधिकता की धारणा हम दूसरे दम्पत्तियों की सेक्स गतिविधियों के बारे में सुनकर बनाते हैं जबकि इस तरह की सेकंड हैंड जानकारी अतिरंजित भी होती है।
लोगों को कभी-कभी यह जानकारी भी मिलती है कि ज्यादा सेक्स करना लाभदायक होता है। संभव है कि इसी पैमाने पर हम अपनी सेक्स गतिविधियों को मापते हैं। पर उनके लिए यह लाभदायक है कि जोकि यह मानकर चलते हैं कि पति-पत्नी को प्रतिदिन ही सेक्स करना चाहिए। लेकिन अब वैज्ञानिकों का कहना है कि लोगों को प्रतिदिन सेक्स करने को लेकर दबाव में नहीं होना चाहिए। जानकारों का कहना है कि यह बात दोनों की खुशी और रिश्ते की करीबी बनाने में ही सहायक होती है।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जो लोग विवाहित होते हैं या जिनका रिश्ता पूरी तरह से प्रतिबद्ध होता है वे अगर प्रतिदिन सेक्स करें और इससे खुश रहें तो अच्छी बात है। पर जो लोग सेक्स सप्ताह में एक ही बार करते हैं तो ऐसे लोग भी पर्याप्त खुश रहते हैं। जो लोग सप्ताह में चार-पांच सेक्स करते हैं वे प्रति सप्ताह सेक्स करने वालों से ज्यादा खुश नहीं रहते हैं।
कनाडा की डलहौजी विश्वविद्यालय में यौन संबंधों पर शोध कर रहीं एमी मिऊज का कहना है कि दम्पत्ति अगर चाहें तो अधिक संख्या में सेक्स करने के दबाव से राहत पा सकते हैं क्योंकि जबर्दस्ती सेक्स करने की तुलना में सप्ताह में एक बार सेक्स करना भी बेहतर विकल्प है। उनके शोध में कहा गया है कि सेक्स से लोग खुशी और संतुष्टि हासिल करते हैं। एमी का कहना है कि अगर आपके संबंध रोमांटिक हैं तो संबंधों को बेहतर बनाए रखने के लिए ही सेक्स करें।
इन सारी बातों का यह भी अर्थ नहीं है कि ज्यादा सेक्स, ज्यादा खुशी पाने का जरिया बन सकता है। बस यह समझ लें कि सेक्स और आनंद को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है। कहना गलत न होगा कि सेक्स से खुशी बढ़ती है और खुशी से सेक्स बढ़ता है लेकिन दोनों के बीच में पर्याप्त समायोजन भी होना चाहिए।