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Last Updated :रियो डि जेनेरियो , गुरुवार, 18 अगस्त 2016 (17:37 IST)

रियो में भारत के लिए पहला पदक जीतने पर गर्व - साक्षी मलिक

रियो में भारत के लिए पहला पदक जीतने पर गर्व - साक्षी मलिक - Sakshi Malik after winning madel for India
रियो डि जेनेरियो। ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए ओलंपिक की कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतने वाली महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कहा कि उन्हें रियो में देश के लिए पहला पदक जीतने पर गर्व है।
 
58 किग्रा वर्ग के मुकाबले में किर्गिस्तान की एसुलू तिनिबेकोवा को पस्त करते हुए कांस्य जीतने वाली हरियाणा की शेरनी साक्षी ने कहा 'मुझे गर्व है कि मैंने रियो ओलंपिक में सूखा समाप्त करते हुए भारत के लिए पहला पदक जीत लिया। मुझे पूरा भरोसा है कि यह पदक अगले तीन दिनों में देश के लिए और कई पदकों का रास्ता खोलेगा। मेरे साथी पहलवान निश्चित रूप से शानदार प्रदर्शन करते हुए पदक हासिल करेंगे।'
 
ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान 23 वर्षीय साक्षी ने कहा कि योगेश्वर दत्त और सुशील कुमार मेरे आदर्श पहलवान हैं। दोनों ने ओलंपिक में पदक जीते और मुझे खुशी है कि मैंने इनके पदचिन्हों पर चलते हुए पदक हासिल कर लिया।
 
पहले राउंड की समाप्ति पर 0-5 से पीछे हो चुकीं 'कमबैक क्वीन' कही जाने वाली साक्षी ने अपने नाम की प्रतिष्ठा के अनुरूप दूसरे राउंड में जबरदस्त वापसी करते हुए सारा पासा पलट दिया। भारतीय पहलवान ने गजब के दाव पेंच दिखाते हुए 8-5 से मुकाबला और कांस्य पदक जीत लिया।  
 
पहले राउंड में पिछड़ने के बारे में उन्होंने कहा कि मेरी प्रतिद्वंदी पहलवान मेरी छोटी ऊंगली को मरोड़ने की कोशिश कर रही थी और मैं इससे बाहर निकलना चाह रही थी। मैं इस स्थिति में आक्रमण नहीं कर सकती थी।
 
ब्रेक के दौरान कोच ने कहा कि तीन मिनट ही बचे हैं और उन्होंने मुझे हैंड टू हैंड खेलने की बजाय बाहर से आक्रमण करने की सलाह दी और यह दांव मेरे काम आया।
 
भारतीय पहलवान क्वार्टर फाइनल में हार गई थीं लेकिन उनकी विपक्षी रूसी पहलवान के फाइनल में पहुंचने के कारण साक्षी को रेपचेज में उतरने का मौका मिला। रेपचेज में साक्षी ने मंगोलिया की ओरखोम बरवोर्ज को 12-3 से पीटकर कांस्य पदक मुकाबले में जगह बना ली।
 
प्रतिद्वंदी पहलवान एसुलू तिनिबेकोवा को पस्त कर कांस्य जीतते ही भारतीय कोच ने मैट पर दौड़कर साक्षी को हाथों में उठा लिया। साक्षी ने फिर तिरंगा लेकर मैट पर चक्कर लगा कर भारतीय समर्थकों का अभिवादन स्वीकार किया। 
 
साक्षी इस तरह कर्णम मल्लेश्वरी और साइना नेहवाल के बाद भारतीय ओलंपिक के इतिहास में कांस्य पदक जीतने वाली तीसरी महिला खिलाड़ी जबकि कुश्ती में पदक जीतने वाली चौथी भारतीय खिलाड़ी बन गयी है।

 
कुश्ती में इससे पहले के डी जाधव ने 1952 के ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था जबकि सुशील ने 2008 के बीजिंग में कांस्य पदक और 2012 के लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था। योगश्वर दत्त ने लंदन में ही कांस्य पदक हासिल किया था।  (वार्ता)